US में कम हुईं ब्याज दरें, जानिए क्यों धड़ाम हो गए भारतीय बाजार
मुंबई
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती की है. इस फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार मच गया. हालात ये हो गए कि गुरुवार को कारोबार के दौरान सेंसेक्स 700 अंक से ज्यादा टूटकर 37 हजार के नीचे आ गया. करीब 7 महीने बाद सेंसेक्स लुढ़क कर इस स्तर पर आ गया है. इसी तरह निफ्टी में भी 200 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी के शेयर 11 हजार के नीचे आ गए. लेकिन सवाल है कि अमेरिका में ब्याज दरों की कटौती से भारतीय शेयर बाजार क्यों प्रभावित हुआ. आइए समझते हैं पूरे मामले को.
दरअसल, अमेरिकी फेडरल ने मुख्य ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती की है. साल 2008 के बाद से पहली बार ब्याज दरों में कटौती की गई है. फेडरल रिजर्व का कहना है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा. लेकिन स्थानीय मीडिया में दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जिद की वजह से यह फैसला लिया गया है. हालांकि अमेरिकी फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने यह भी संकेत दिए हैं कि आगे ब्याज दरों में कटौती नहीं की जाएगी. पॉवेल के इस बयान से निवेशकों में निगेटिव सेंटीमेंट देखने को मिला है. इस वजह से एशियाई और यूरोपीय बाजार दबाव में रहे.
GDP के आंकड़े
भारतीय शेयर बाजार को ग्लोबल रेटिंग फर्म क्रिसिल के आंकड़ों ने भी प्रभावित किया. दरअसल, कमजोर मॉनसून, सुस्त ग्लोबल ग्रोथ और कमजोर नतीजों की वजह से क्रिसिल ने FY20 में भारत के GDP ग्रोथ के अनुमान को 0.20 फीसदी घटा दिया है. क्रिसिल के अनुमान के मुताबिक भारत की जीडीपी 6.9 फीसदी रह सकती है. इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 7.1 फीसदी का अनुमान जताया था. रिपोर्ट से पता चलता है कि घरेलू मांग और निवेश में कमी आई है. इसके अलावा उपभोक्ता, अर्थव्यवस्था और औद्योगिक क्षेत्र में सुस्ती है जबकि नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर कमजोर हुए हैं.
रुपये में कमजोरी
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और विदेशी निवेशकों की जारी बिकवाली की वजह से रुपया भी पस्त नजर आया. शुरुआती कारोबार में रुपया 41 पैसे गिरकर 69.20 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि कुछ देर बाद रिकवरी देखने को मिली. बता दें कि कारोबार के अंत में सेंसेक्स 463 अंक गिरकर 37,018 और निफ्टी 105 अंक गिरकर 10,080 के स्तर पर बंद हुआ.