TMC के 2, लेफ्ट का एक विधायक BJP में शामिल, कई नगरपालिका पर बीजेपी का कब्जा

 
नई दिल्ली

पश्चिम बंगाल से तीन विधायक मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए. इसमें बीजेपी नेता मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशू राय शामिल हैं. लोकसभा चुनाव में प्रभावकारी प्रदर्शन के बाद बीजेपी राज्य में अपनी स्थिति और मजबूत बनाने में लगी है. शुभ्रांशू राय को आम चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था.

पार्टी मुख्यालय में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की उपस्थिति में ये लोग पार्टी में शामिल हुए. भाजपा नेता अनिल बलूनी ने बताया कि पार्टी में शामिल होने वाले अन्य विधायकों में तृणमूल कांग्रेस के तुषारक्रांति भट्टाचार्य और माकपा के देवेन्द्र नाथ राय शामिल हैं. इसके अलावा 50 से ज्यादा पार्षद पार्टी में शमिल हुए. तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगाने में मुकुल रॉय की भूमिका मानी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन में मुकुल राय प्रमुख शिल्पकारों में रहे हैं.

बीजेपी का दामन थामने वाले ये पार्षद 24 परगना जिले के कंचरापारा, हलिशहर और नैहाती नगर पालिका के हैं. इसके साथ बीजेपी का भाटपारा नगरपालिका पर कब्जा हो जाएगा. बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह भाटपारा नगरपालिका के अध्यक्ष हैं.

पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि टीएमसी नेताओं का बीजेपी में होने का कार्यक्रम जारी रहेगा. यह ममता बनर्जी की निरंकुशता के खात्मे की शुरुआत है. मेरी कामना है कि वह 2021 तक बने रहे, लेकिन उनके लोगों ने टीएमसी को छोड़ना जारी रखा तो मैं उनकी कोई मदद नहीं कर पाऊंगा.

बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि अब उनकी पार्टी का भाटपारा नगरपालिका पर कब्जा होगा. अर्जुन सिंह भाटपारा नगरपालिका के अध्यक्ष हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में बंगाल में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है और 2014 में मात्र 2 सीटों पर सिमटी बीजेपी इस बार 18 सीटें जीत कर आई है. इस जीत में मुकुल रॉय की बड़ी भूमिका है. रॉय पूर्व में टीएमसी के कद्दावर नेता रहे हैं जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. इनकी रणनीतियों ने बीजेपी को बड़ी कामयाबी दिलाने में बड़ा योगदान दिया है.
 
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ घमासान के बावजूद 22 सीटें जीतकर अपनी इज्जत बरकरार रखी. बीजेपी को 18 और कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं. बीजेपी की इस जीत में मुकुल रॉय और बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा रोल है. इस चुनाव में बीजेपी के लिए जबरदस्त नतीजे पश्चिम बंगाल से आए जहां उसने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के पसीने छुड़ा दिए. आठ साल से सत्तारूढ़ तृणमूल को अमित शाह के नेतृत्व वाली बीजेपी ने सबसे बड़ा उलटफेर दिखाया.

अभी हाल में तृणमूल कांग्रेस ने विधायक सुभ्रांशु रॉय को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था. सुभ्रांशु किसी समय तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल रॉय के बेटे हैं. सुभ्रांशु को पार्टी की इमेज खराब करने के आरोप में निलंबित किया गया. लोकसभा चुनाव से काफी समय पहले मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. तृणमूल में फूट के लिए पार्टी के अंदर अनुशासन की कमी और नेताओं की बात न सुना जाना भी कारण माना जा रहा है.

अर्जुन सिंह जैसे लोग जो बीजेपी में शामिल हो गए और अब सांसद बन गए हैं, वे कभी सांसद बनना चाहते थे लेकिन तृणमूल ने उनके नाम पर गौर नहीं किया, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी. ऐसे ही और लोग भी हैं जो तृणमूल में अपने को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं और पार्टी छोड़ रहे हैं.  मुकुल रॉय को कई साल तक अन्य दलों के नेताओं को तृणमूल में शामिल कराने के लिए जाना जाता रहा लेकिन वे अब बीजेपी में हैं और तृणमूल को तोड़ने के काम में लगे हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद भी उन्होंने यही दक्षता दिखाई और कई अन्य नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ वर्तमान तृणमूल सांसदों अनुपम हाजरा और सौमित्र खान को बीजेपी में शामिल किया. उन्होंने वामपंथी दलों के कुछ नेताओं को भी बीजेपी के पक्ष में तोड़ा.

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