SP-BSP की टेंशन बढ़ाएंगे कांग्रेस के कई दमदार उम्मीदवार, बीजेपी को दिख रहा फायदा

नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपनी जड़ें मजबूत करती दिख रही है। इससे करीब छह लोकसभा क्षेत्रों में एसपी-बीएसपी गठबंधन के कुछ वोट कांग्रेस की ओर जा सकते हैं। ऐसा होने पर वहां त्रिकोणात्मक संघर्ष होगा और बीजेपी को फायदा हो सकता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की पैठ जमाने की कोशिश में भी बीजेपी को मौका दिख रहा है, जो एसपी-बीएसपी के साथ आने से मुकाबले को चुनौतीपूर्ण मानकर चल रही है।

आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों में गाजियाबाद, सहारनपुर, लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी और कुशीनगर में कांग्रेस दूसरे स्थान पर थी। कांग्रेस इन सीटों पर मुकाबला त्रिकोणात्मक बना सकती है, वहीं, बीएसपी के कुछ उम्मीदवार कमजोर दिख रहे हैं। इससे मुस्लिम वोटर भ्रम में पड़ सकते हैं कि वोट गठबंधन को दिया जाए या कांग्रेस को। कुछ शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी के सामने कांग्रेस मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन सकती है, जहां एसपी और बीएसपी के पास दमदार नेता नहीं हैं।

सहारनपुर का हाल
कांग्रेस ने सहारनपुर से इमरान मसूद को उतारा है। बीजेपी के खिलाफ बराबर की टक्कर के तीखे बयान देने वाले मसूद की मुस्लिम वोटरों पर अच्छी पकड़ है और वह इस सीट पर एसपी-बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। ऐसी सूरत में बीजेपी कैंडिडेट राघव लखनपाल को बढ़त मिल सकती है।

मुरादाबाद हो या फतेहपुर सीकरी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को मुरादाबाद से फतेहपुर सीकरी भेज दिया गया है, जहां वह एक बार मामूली अंतर से हारे थे। इस बार उनका दावा मजबूत दिख रहा है और वह लड़ाई को तिकोना बना सकते हैं। वहां भी कांग्रेस और एसपी-बीएसपी में मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने पर बीजेपी को फायदा हो सकता है। बब्बर चाहे फिरोजाबाद से लड़े हों या इस सीट से, उन्हें मुसलमानों का अच्छा समर्थन मिला था। कांग्रेस ने मुरादाबाद से शायर इमरान प्रतापगढ़ी को उतारा है। वह बब्बर की तरह दमदार कैंडिडेट तो नहीं हैं, लेकिन मुस्लिम वोटों में बंटवारा करा सकते हैं।

खुर्शीद की सीट पर क्या?
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद फर्रूखाबाद से उतारे गए हैं और वहां भी मुसलमान वोटों का बंटवारा हो सकता है। अलीगढ़ सीट से बीएसपी प्रत्याशी अजित बालियान बाहरी हैं और वह वोटों में सेंध लगा सकते हैं। कांग्रेस ने वहां बृजेंदर सिंह को उतारा है, जिन्हें मुसलमानों का अच्छा समर्थन हासिल है।

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