S-400 डील पर अमेरिकी छूट का हकदार भारत, रूस से संबंध खत्म नहीं कर सकते: राजनयिक सूत्र

 
नई दिल्ली 

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो मंगलवार रात भारत पहुंच गए। बुधवार को वह पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान रूस से डिफेंस डील पर भी चर्चा हो सकती है। इससे पहले राजनयिक सूत्रों ने साफ कहा कि रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिकी प्रतिबंध से छूट की शर्तों को भारत पूरा करता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के पास हमारे हित में छूट देने का पर्याप्त मौका है। 
 
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखें'रूस से पुराने रक्षा संबंध खत्म नहीं कर सकते' 
सूत्रों ने कहा कि रूस के साथ भारत अपने पुराने रक्षा संबंधों को खत्म नहीं कर सकता है। इससे साफ है कि बुधवार को जब भारतीय विदेश मंत्री अपने अमेरिकी समकक्ष से मिलेंगे तो भारत का जोर इस बात पर होगा कि अमेरिका उसे छूट दे। सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ निजी एवं सार्वजनिक स्तर पर चर्चा हुई है और वॉशिंगटन के लिए यह थोड़ी चिंता की बात है। 

भारत ने रूस से की है 40 हजार करोड़ की डील 
एक सूत्र ने कहा, ‘रूस के साथ हमारे पुराने रक्षा संबंध हैं जिन्हें हम खत्म नहीं कर सकते हैं।’ भारत ने पिछले साल अक्टूबर में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए रूस से समझौता किया था। भारत ने अमेरिकी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए इस समझौते को आगे बढ़ाया है। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका उन परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ है जिनके कारण भारत S-400 जैसी प्रणाली खरीदने के लिए बाध्य है। 
 
उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने अमेरिकी पक्ष को इस बारे में अच्छी तरह से बता दिया है कि और वे भारत की जरूरतों को समझते हैं। भारतीय पक्ष का मानना है कि वह उन जरूरतों को पूरा करता है, जिसके तहत उसे अमेरिका के प्रतिबंध कानून (CAATSA) से छूट मिलती है। 

अमेरिकी कानून में भी इस परिस्थिति का जिक्र 
सूत्र ने कहा, ‘हम छूट के लिए CAATSA शर्तों को पूरा करते हैं। हम बातचीत जारी रखेंगे।’ राजनयिक सूत्रों ने कहा, ‘कानून में यह काफी स्पष्ट है कि किन परिस्थितियों में US प्रशासन द्वारा छूट दी जा सकती है इसलिए अगर आप कानूनी दृष्टि से देखते हैं तो हमारी समझ और आकलन के अनुसार भारत उन शर्तों को पूरा करता है।’ सूत्र ने कहा, ‘प्रशासन (ट्रंप) के पास काफी संभावनाएं हैं, हम जो छूट चाहते हैं वह दे सकता है।’ 

सरकारी सूत्र ने आगे कहा कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण US-इंडिया संबंधों को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी सरकार को कानूनी और राजनीतिक रुख का मेल बनाना होगा। आपको बता दें कि भारत सरकार ने पहले ही कह दिया है कि अगले साल अक्टूबर से उसे रूस से मिसाइल सिस्टम मिलने लगेंगे और आपूर्ति अप्रैल 2023 तक पूरी हो जाएगी। 
 

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