स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं में केरल टॉप पर, यूपी और बिहार फिसड्डी

 
नई दिल्ली 

स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के मोर्चे पर पिछड़े बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और ओडिशा पहले से अधिक फिसड्डी साबित हुए हैं। इसके उलट हरियाणा, राजस्थान और झारखंड में हालात सुधरे हैं। वहीं, चिकित्सा सेवा के मामले में केरल पहले नंबर पर है। 

नीति आयोग की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व बैंक के तकनीकी सहयोग से यह रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसका शीर्षक है- स्वस्थ्य राज्य प्रगतिशील भारत। इस रिपोर्ट में राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं में कितना सुधार हुआ, उसके हिसाब से तुलनात्मक रैंकिंग भी दी गई है। 
 

पिछली बार के मुकाबले सुधार के मामले में 21 बड़े राज्यों की लिस्ट में बिहार 21वें स्थान के साथ सबसे नीचे है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015-16 की तुलना में 2017-18 में स्वास्थ्य क्षेत्र में बिहार का संपूर्ण प्रदर्शन सूचकांक 6.35 अंक गिरा है। इसी दौरान यूपी के प्रदर्शन में 5.08 अंक, उत्तराखंड 5.02 अंक और ओडिशा के सूचकांक में 3.46 अंक की गिरावट आई है। यह दूसरा मौका है जब नीति आयोग ने स्वास्थ्य सूचकांक के आधार पर राज्यों की रैंकिंग की है। 
 
दिल्ली पांचवें स्थान पर 
इस रिपोर्ट में पिछले बार के मुकाबले सुधार और कुल मिलाकर बेहतर प्रदर्शन के आधार पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग तीन श्रेणी में की गई है। पहली श्रेणी में 21 बड़े राज्यों, दूसरी श्रेणी में 8 छोटे राज्यों और तीसरी श्रेणी में केंद्र शासित प्रदेशों को रखा गया है। छोटे राज्यों में त्रिपुरा पहले पायदान पर रहा। उसके बाद मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड का स्थान रहा। इसमें सबसे फिसड्डी अरुणाचल प्रदेश (आठवें), सिक्किम (सातवें) और गोवा (छठे) का स्थान रहा। इस लिस्ट में दिल्ली पांचवें स्थान पर है। 
 

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