PK पर सुशील मोदी का तंज- ‘वे राजनीतिक चोला ओढ़कर अपना धंधा चमकाने में लगे हैं’

पटना
बीजेपी के सीनियर नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने एक बार फिर कहा है कि प्रदेश में 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है. सीटों के तालमेल के निर्णय में भी कोई समस्या नहीं है. ये फैसला दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा. इसके साथ ही सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले जेडीयू के नेता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पर इशारों इशारों में तंज कसते हुए उन्हें देशहित से ऊपर बाजार की चिंता करने वाला करार दिया.

सुशील मोदी ने जेडीयू-बीजेपी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कथित तकरार पर अपने ट्वीट में लिखा, भाजपा और जद-यू के बीच चंद वर्षों को छोड़ कर आपसी विश्वास का रिश्ता दो दशक पुराना और जांचा-परखा है. बिहार के विकास, कानून के शासन, महिला सशक्तीकरण, दलितों-पिछड़ों के साथ न्याय, बाल विवाह एवं दहेजप्रथा पर रोक, नशा मुक्ति तथा पर्यावरण रक्षा के लिए जल-जीवन-हरियाली जैसे अभियान पर एनडीए पूरी तरह एकजुट भी है.

इसके पहले उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है. सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा. कोई समस्या नहीं है, लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं. एक लाभकारी धंधे में लगा व्यक्ति पहले अपनी सेवाओं के लिए बाजार तैयार करने में लगता है, देशहित की चिंता बाद में करता है.

इसके आगे उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, अगर नागरिकता कानून का विरोध करने और एनपीआर पर भ्रम फैलाने से देश कमजोर होता है, भारत विरोधी मजबूत होते हैं, विदेशों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल होती है, विदेशी निवेशक हाथ खींचते हैं और देश राजनीतिक अस्थिरता की तरफ जाता है, तो ऐसी नकारात्मकता से किसका फायदा होगा? इसमें जिनकी कंपनी को मोटी कमाई दिखती है.  वे राजनीतिक चोला ओढ़कर अपना धंधा चमकाने में लगे हैं. जनता ऐसे लोगों को पहचानती है.

प्रशांत किशोर ने जेडीयू को बड़ा भाई बताते हुए कहा था कि बिहार में एनडीए की वरिष्ठ साझीदार होने के नाते उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुकाबले अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. पीके ने कहा, मेरे अनुसार लोकसभा चुनाव का फार्मूला विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जा सकता.

गौरतलब है कि दोनों दलों ने इस साल लोकसभा चुनाव में बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पीके के इस बयान के बाद बिहार एनडीए में बड़ा भाई-छोटा भाई की जंग एक बार फिर तेज होती दिख रही है.

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