NGT ने भोपाल स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्य पर लगाई रोक

भोपाल
लॉक डाउन  के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल  ने भोपाल में स्मार्ट सिटी कंपनी को बड़ा झटका दिया है. एनजीटी NGT ने आदेश दिया है कि जब तक स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान में बदलाव कर ग्रीन बेल्ट एरिया (green belt) नहीं बढ़ाया जाता तब तक निर्माण कार्य पर रोक रहेगी.

ग्रीन एण्ड ग्रीन लॉयर्स ने NGT में स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम के खिलाफ याचिका लगाई थी. याचिका में आरोप लगाए गए थे कि स्मार्ट सिटी कंपनी निर्माण कार्य में पर्यावरण नियमों का पालन नहीं कर रही है. ग्रीन बेल्ट एरिया को कंपनी ने मास्टर प्लान में कम कर दिया है और कमर्शियल एरिया को बढ़ा दिया है. ऐसा करने से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है.

NGT ने लगाई रोक
पर्यावरण स्वीकृति 2018 में जारी की गई थी. उसी दिन से उसमें 23.53 हैक्टेयर ज़मीन में पेड़ लगाए जाने थे. लेकिन सिया (स्टेट एनवायरन इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी) ने एक जगह टाइपिंग मिस्टेक का गलत फायदा उठाया उसने 17% को आधा कर 8.5% बना दिया. एनजीटी में याचिका लगने के बाद स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम की पोल खुल गई. याचिका के जवाब में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन, भोपाल नगर निगम ने NGT से इन सारे तथ्यों को छुपाकर 17% की जगह 8.5% ग्रीनबेल्ट की बात बताई और सिया के शुद्घिपत्र के दस्तावेज को छुपाकर जवाब दाखिल कर दिए गए. यह जानकारी छुपाना अब महंगा पड़ गया है. यही कारण है कि जब तक मास्टर प्लान में ग्रेड बैंड को लेकर बदलाव नहीं होता है तब तक NGT ने निर्माण से रोक हटाने से साफ इनकार कर दिया है.

यहां की गलती

भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम, दशहरा मैदान और कुछ सड़कों के किनारे खाली जमीन को ग्रीन बेल्ट दर्शाया गया. यह दावा किया गया कि सिया ने जितना ग्रीन बेल्ट रखने को कहा था उसके लिए एरिया छोड़ा गया है. जबकि यह गलत था. जिस जगह को ग्रीन बेल्ट बताया गया उस जगह का पहले से इस्तेमाल किया जा रहा था.

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