MP में 6 सीटों पर वोटिंग जारी, निर्दलीय प्रत्याशी की गाड़ी में लगाई आग, ASI की मौत

जबलपुर
मध्यप्रदेश में पहली चरण के लिए छह सीटों के साथ छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो गई।  धूप और गर्मी से बचने मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। पहली बार मतदान करने वाले मतदाता भी कतार में लगे हुए हैं। बालाघाट जिले के लांजी, परसवाड़ा और बैहर में मतदान शाम चार बजे तक होगा। चुनाव में एक करोड़ पांच लाख से ज्यादा मतदाता मतदान करेंगे।मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने परिवार सहित छिंदवाड़ा के शिकारपुरा मतदान केंद्र पर मतदान किया। वही भाजपा प्रत्याशियों में हिमाद्री सिंह ने  शहडोल में, रीति पाठक ने सीधी, बालाघाट से भाजपा प्रत्याशी ढाल सिंह बिसेन भी मतदान कर चुके हैं।लगातार लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।

इस चरण में कुल 13,791 मतदान केंद्र और एक करोड़ 8 लाख से अधिक मतदाता हैं। इनमें 9,864 मतदाता अपने डाक मतपत्रों से मतदान करेंगे। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी एल कांता राव ने बताया कि बालाघाट के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा क्षेत्रों में से नक्सल प्रभावित तीन विधानसभा क्षेत्रों बैहर, लांजी और परसवाड़ा में मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे रहेगा। मंडला और बालाघाट में सेना के दो हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं। जबलपुर में एयर एम्बुलेंस तैनात ।

शहडोल शहर के पोलिंग बूथ नंबर 187 में महिला मतदान कर्मचारी राजकुमारी की हालत बिगड़ गई। इनकी जगह पर रिजर्व कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई। सूचना मिलने के बाद मेडिकल टीम मतदान केंद्र पर पहुंच गई थी।

बालाघाट में पूर्व विधायक और निर्दलीय प्रत्याशी किशोर समरीते के वाहन को अज्ञात नक्सलियों ने चौरिया घाट दुर्गा मंदिर के पास आग के हवाले कर दिया और बंधक बना लिया।इसके बाद वे जैसे तैसे करके अपने आप को छुडाकर भागे और थाने में शिकायत द्ज करवाई।

छिंदवाड़ा में एक महिला पीठासीन अधिकारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अधिकारी का नाम सुनंदा कोचेकर है।ये महिला अफसर बूथ क्रमांक 218 पर तैनात थी।

जबलपुर में मॉकपोल के दौरान EVM मशीन में ख़राबी आ गई। यहां के बूथ क्रमांक 219 की EVM में ख़राबी आ गई. कांग्रेस प्रत्याशी विवेक तन्खा को इसी बूथ पर मतदान करना है।मशीन में तकनीकी खराबी के कारण बदला जा रहा है।

सीधी के मतदान केंद्र बढौरा में ड्यूटी पर तैनात एएसआई गब्बू लाल यादव की हार्ट अटैक आने की वजह से मौत हो गई। वे इंदौर से ड्यूटी करने सीधी आए थे। सेक्टर मोबाइल क्रमांक एक की बी टीम में तैनात थे।

शहडोल लोकसभा क्षेत्र बंधवाबड़ा के मतदान क्रमांक 251 ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार कर दिया। 10 वर्षों से वे बंधवा जलाशय के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। करीब 800 मतदाताओं ने यहां वोटिंग का बहिष्कार किया। यहां लगभग 1500 मतदाता हैं। 25 किसानों को जमीन का मुआवजा नहीं मिला। यहां नहर नहीं तो वोट नहीं का नारा लगा रहे हैं ग्रामीण। जेल भेजने की धमकी देने का ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया है। सिंचाई विभाग ने बांध बनाया था, यहां 250 एकड़ जमीन को लेकर विवाद का मामला है।

इन सीटों पर मुकाबला होगा तगड़ा
छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए उनके बेटे नकुल नाथ कांग्रेस से मैदान में उतरे हैं। वहीं नकुलनाथ को घेरने के लिए बीजेपी से जुन्नारदेव के पूर्व विधायक व आदिवासी नेता नत्थन शाह चुनावी मैदान में उतारा है। कमलनाथ यहां से नौ बार सांसद रहे है।  इसके अलावा इस सीट पर बसपा से ज्ञानेश्वर गजभिए सहित 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।वही यहां विधानसभा उपचुनाव भी होना है। जिसमें कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ है । विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उन्हें यह चुनाव लड़ना है। उनका मुकाबला भाजपा के विवेक साहू से होना है। यह पहला मौका होगा जब पिता-पुत्र एक ही स्थान से दो अलग अलग चुनाव लड़ रहे हो। 

सीधी
बीजेपी का किला भेदने के लिए यहां से मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के बेटे अजय  सिंह कांग्रेस से मैदान में हैं। जिनका मुकाबला भाजपा की मौजूदा सांसद रिति पाठक से है।अजय सिंह के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है उनकी साख दांव पर लगी है। विधानसभा में हार के बाद यह जीत उनके आगे की राजनीति का मार्ग प्रशस्त करेगी।  यहां बसपा से रामलाल पनिक समेत 26 उम्मीदवार मैदान में है। 

जबलपुर
जबलपुर लोकसभा सीट भाजपा का सबसे बजबूत गढ़ माना जाता है। यहां से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चुनावी मैदान में हैं, उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा से है। मुकाबला रोचक होने के आसार है। कांग्रेस यह सीट छिनने के लिए जोर लगाएगी तो भाजपा के लिए इसे बचाना चुनौती होगा। इस सीट पर बसपा के रामराज राम समेत 22 प्रत्याशी सियासी रणभूमि में हैं। 

शहडोल
बगावती रुख बना मुसीबत शहडोल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर बीजेपी से हिमाद्री सिंह, कांग्रेस से पर्मिला सिंह और बसपा से मोहदल सिंह पाव सहित 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। 2014 में बीजेपी के दलपत सिंह परस्ते ने कांग्रेस के राजेश सिंह को मात देकर विजयी हुए थे। लेकिन दलपत सिंह को ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया था, जिसके चलते 2016 में शहडोल सीट पर उपचुनाव हुआ थे। बीजेपी के ज्ञान सिंह ने कांग्रेस के हिमाद्री सिंह को हराकर सांसद चुने गए थे। लेकिन बीजेपी ने इस बार ज्ञान सिंह का टिकट काटकर कांग्रेस से आईं हिमाद्री को प्रत्याशी बनाया है। इसके चलते ज्ञान सिंह बगावती रुख अख्तियार किए हुए हैं।उन्होंने प्रचार करने से मना कर दिया है।अपनों की नाराजगी यहां बीजेपी को भारी पड़ने वाली है।

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