प्रदेश में IG रेंक के अफसरों की कमी से भोपाल और इंदौर पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने में बड़ा अडंगा

भोपाल
प्रदेश में आईपीएस अफसरों की कमी ने फिलहाल भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने में बड़ा अडंगा लगाया है। खासकर प्रदेश में आईजी रेंक के अफसरों की बनी कमी भी इसमें रोढ़ा बन गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मामले में अपना खुद का होमवर्क कर चुके हैं। इसके बाद फिलहाल पुलिस कमिश्नर सिस्टम को टाला जा रहा है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होते ही दोनों शहरों में आईपीएस अफसरों की संख्या दोगुना से ज्यादा करना पड़ेगी, जो प्रदेश में अभी मुश्किल ही है।

सूत्रों की मानी जाए तो राज्य शासन के पास लंबित पड़े इस प्रस्ताव में बताया गया है कि दोनों शहरों में एडीजी रेंक के अफसर को पुलिस कमिश्नर (सीपी) बनाया जाए।  इस सिस्टम में आईजी रेंक के अफसरों को ज्वाइंट कमिश्नर आॅफ पुलिस (जेसीपी) बनाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय से शासन को भेज गए प्रस्ताव में कहा गया है कि भोपाल में नार्थ और साउथ में एक-एक जेसीपी होना चाहिए। वहीं इंदौर में ईस्ट और वेस्ट क्षेत्र में जेसीपी को पदस्थ करना होगा। फिलहाल इन दोनों शहरों में चल रहे डीआईजी सिस्टम में इन क्षेत्रों की कमान एसपी रेंक के अफसरों के पास है।

फिलहाल आईजी की कमी को देखते हुए प्रस्ताव में सिर्फ इंदौर में ही दो आईजी बतौर जेसीपी पदस्थ करने की बात की गई है, जबकि भोपाल में जेसीपी का पद डीआईजी को दिए जाने का कहा गया है। इन दोनों शहरों के बाद अन्य जिलों की आईजी रेंज में भी एक-एक आईजी को  भी पदस्थ करना पड़ेगा, ऐसे में भी आईजी के पद पर अफसरों की कमी इसमें बड़ा रोढ़ा बन कर उभरी है। फिलहाल आईजी रेंक के अफसरों की कमी के चलते इंदौर जोन  में आईजी रेंक का कोई भी अफसर पदस्थ नहीं है, यहां पर एडीजी को जोन की कमान दी गई है। वहीं भोपाल जोन में एक आईजी पदस्थ हैं।

पुलिस कमिश्नर सिस्टम में भोपाल और इंदौर जिले में आधा-आधा दर्जन एसपी रेंक के अफसरों को तैनात किए जाने का प्रस्ताव है। जबकि दोनों जिलों में एक-एक एसपी की पदस्थापना ग्रामीण एसपी के पद पर होगी, जो इस सिस्टम का हिस्सा नहीं होगा। एक जेसीपी के अंडर में दो-दो अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (एसीपी)को तैनात किया जाना बताया है। इंदौर में एसीपी रेंक पर डीआईजी और भोपाल में इस रेंक पर एसपी रेंक के अफसरों को तैनात किये जाने की बात की गई है।  जिसमें चार एसीपी को मैदानी काम देखने की जिम्मेदारी दिए जाने का प्रस्ताव में बताया गया है।  वहीं एक एसीपी को क्राइम ब्रांच और ट्राफिक का चार्ज दिये जाने का बताया गया है।  इनके अलावा एक एसीपी मुख्यालय दोनों शहरों में पदस्थ होंगे। अभी यह पद एसपी मुख्यालय के नाम से दोनों शहरों में है।

प्रदेश में आईपीएस अफसरों के 305 पद स्वीकृत है। जिसमें से प्रदेश में फिलहाल 251आईपीएस ही है। इस वक्त प्रदेश में आईपीएस के स्वीकृत पदों में ही 54 पद खाली पड़े हुए हैं। 251 अफसरों में से 28 आईपीएस अफसर प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में पदस्थ है। फिलहाल प्रदेश में 223 आईपीएस अफसर ही है। इनमें से सबसे कम संख्या आईजी रेंक के अफसरों की है।

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