MP के 48 IAS जांच में फंसे, कलेक्टर से लेकर ACS तक के नाम

भोपाल
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए जवाब से लगाया जा सकता है। विधायक विश्वास सारंग के सवाल के जवाब में जीएडी मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने बताया कि 48 आईएएस अफसरों के खिलाफ विभिन्न मामलों में 85 जांच चल रही हैं। जिनमें कलेक्टर से लेकर अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं।

जांच रिपोर्ट में छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा, कई विभागों के प्रमुख सचिव एवं रिटायर्ड अफसर शामिल हैं। अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू व विभागीय जांच चल रही है। दोनों ही जांच एजेंसियों में अफसरों के खिलाफ जांच लंबे समय से लंबित है। सबसे ज्यादा 27 मामले आईएएस अधिकारी रमेश थेटे के विरुद्ध हैं। कुछ अधिकारियों के खिलाफ दो से ज्यादा जांच भी जारी हैं। इनमें कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध भी जांच चल रही है।

जिन अफसरों के खिलाफ जांच चल रही है उनमें आरडी अहिरवार, आरके गुप्ता, सीबी सिंह, ओआर तिवारी, रमेश थेटे, अखिलेश श्रीवास्तव, प्रकाश जांगरे, एनबीएस राजपूत, वेदप्रकाश, एमके सिंह, प्रमोद अग्रवाल, डॉ एम गीता, विवेक पोरवाल, निसार अहमद, मुक्तेश वाष्र्णेय, अरुण तोमर, डॉ. जे विजय कुमार, अजीत केसरी, पीएल सोलंकी, मनीष श्रीवास्तव, मनीष सिंह, पीएस सोलंकी, मनोज श्रीवास्तव, अशोक शाह, प्रवीण अढायच, गोपाल चंद्र डाढ, एमसी चौधरी, रजनीश श्रीवास्तव, मनोज पुष्प, मनु श्रीवास्तव, अविनाश लवानिया, मुकेश शुक्ल, एनएस परमार, अरुणा शर्मा, आरपी मंडल, एम कुजूर, डीपी तिवारी, सत्यप्रकाश वर्मा, अशोक वर्मा, एमए खान, महेंद्र सिंह भिलाला, अंजु सिंह बघेल, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, स्वतंत्र कुमार सिंह, श्रीनवास शर्मा, विनोद कुमार शर्मा शामिल हैं।  इनमें से आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट शासन स्तर पर दबी रहती है। कोई भी सरकार आला अधिकारियों के खिलाफ जांच कराने में रुचि नहीं लेती है। जिन अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त में केस दर्ज है, शासन से जांच एजेंसियों को न तो रिकॉर्ड दिया जाता है और न हीं पत्रों के जवाब समय पर दिए जाते है। यही वजह है कि अफसरों के खिलाफ सालों तक जांच लंबित रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *