MP के मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर आज छुट्टी पर, बंद हैं ओपीडी सिर्फ इमरजेंसी सर्विस चालू
भोपाल
मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आज काम बंद हड़ताल पर हैं. डॉक्टर आज सामूहिक अवकाश पर हैं. ये लोग सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं. आज की इस हड़ताल में प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के 3300 शिक्षक शामिल हैं. इस दौरान ओपीडी, वॉर्ड और क्लास में डॉक्टर काम पर नहीं आएंगे. केवल इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी.
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के 220 मेडिकल टीचर्स भी आज के इस आंदोलन में शामिल हैं. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर और जबलपुर सहित सात नए मेडिकल कॉलेज रतलाम, विदिशा, दतिया, खंडवा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी और शहडोल के मेडिकल कॉलेजों के टीचर्स सातवां वेतनमान की मांग कर रहे हैं.
विधानसभा चुनाव के दौरान हलचल
2018 में मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इन मांगों को लेकर चर्चा की थी. लेकिन उनकी मांग अब तक पेंडिंग हैं. 26 सितंबर 2018 को मुख्यमंत्री बंगले का घेराव भी किया गया था. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन तत्कालीन एसीएस से भी मिले थे. इस दौरान उन्हें 'आयुष्मान भारत योजना में इलाज करने पर प्रोत्साहान राशि देने और निजी प्रैक्टिस नहीं करने को कहा गया था. एसोसिएशन ने दोनों शर्तों को अमान्य करते हुए सभी विभागों की तरह सातवां वेतनमान देने की मांग की थी.
13 मेडिकल कॉलेज 3300 टीचर्स
आज पूरे प्रदेश में कुल 3300 चिकित्सा शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. उसके बाद 24 से 26 जुलाई तक 3 दिन का सामूहिक अवकाश भी लिया जाएगा. यदि फिर भी मांगें नहीं मानी गईं तो 15 दिन बाद 10 अगस्त को सामूहिक इस्तीफा दिया जाएगा. अवकाश के दौरान चिकित्सा शिक्षा शिक्षक काम और टीचिंग नहीं करेंगे. ओपीडी वार्ड और ऑपरेशन भी नहीं किए जाएंगे.केवल इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी.
मेडिकल टीचर्स की ये हैं मांग-
1-सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए.
2-मेडिकल रिएंबर्समेंट का लाभ दिया जाए.
3-मातृत्व अवकाश की मांग
4-कार्य के घंटे निर्धारित हों.
5-ग्रेच्युटी की मांग
6-2004 में लागू पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए.
ग्वालियर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील अग्रवाल का कहना है कांग्रेस ने भी विधानसभा चुनाव के वचन पत्र 2018 में नया वेतनमान देने और सुविधाएं देने का वचन दिया था. हम चाहते हैं कि सरकार नया वेतनमान नई सुविधाएं देने का वचन पूरा करें.