भारत में दिखा चंद्रग्रहण, 149 साल बाद बना दुर्लभ संयोग

नई दिल्ली                
आज रात सदी का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लगा. ज्योतिष गणनाओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण आज लगा. यह चंद्रग्रहण कई मायनों में खास बताया जा रहा है. बता दें, इस बार चंद्रग्रहण पर वही दुर्लभ योग बना है जो 149 साल पहले 12 जुलाई 1870 को गुरु पूर्णिमा पर बना था. 17 जुलाई 2019 की रात करीब 1.31 बजे से ग्रहण शुरू हुआ. इसका मोक्ष 17 जुलाई की सुबह करीब 4.30 बजे होगा. हिन्दू धर्म में ग्रहण को काफी महत्व दिया जाता है. हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार चंद्रग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लगा. यह चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्रग्रहण कहा जा रहा है. ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित हैं.

चंद्रग्रहण के दौरान सतर्क रहें-
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार इस बार लगे चंद्रग्रहण की वजह से पृथ्वी के बड़े भूभाग पर भूकंप, सुनामी, आगजनी और तूफान-चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाएं तक आ सकती हैं. धनु राशि में ग्रहण होने से सत्ताधीशों राजनेताओं और उच्च सलाहकारों के लिए मुश्किल बढ़ सकती है. ग्रहण उक्त महाद्वीपों के कुछ देशों-प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन भी करा सकता है. सर्वाधिक खतरा बड़े भूकंप और सुनामी का है. ग्रहण का प्रभाव एक चंद्र-माह अर्थात रक्षाबंधन तक बना रहेगा.

मंदिरों के द्वार रहेंगे बंद-
ग्रहण के दौरान मंदिरों में पट बंद रहेंगे. ईश भजन आराधना ही स्वीकार होगी. तपस्वी और साधुजन गहन ध्यान कर सकते हैं. सामान्य जन सहज ध्यान ही करें.महर्षियों के अनुसार ग्रहणकाल को शेषनाग की हलचल माना जाता है. इससे पृथ्वी प्रभावित होती है. पृथ्वी वासियों के लिए यह समय सतर्कता और संक्रमण का होता है.

ग्रहण को लेकर प्रचलित कुछ नियम-
-ग्रहण के दौरान अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिेए.
-चंद्रग्रहण के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद या इससे पहले स्नान कर लें.
-ग्रहण को कभी भी खुली आंख से नहीं देखना चाहिए. इसका आंखों पर बुरा असर पड़ता है.
-ग्रहण के समय मंत्रो का जाप किया जा सकता है.

ग्रहण पर लाभ पाने के लिए करें ये उपाय-
-यदि घर में कोई लंबे समय से बीमारी है तो ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन आदि करने से से लाभ होता है.
-चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो 'ऊं चंद्राय नम:' मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा.
-ग्रहण के दौरान प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए, सोच को सकारात्मक रखना चाहिए.
-चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.  
-स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान करा कर उनकी पूजा करें.
जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करना चाहिए.

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