MP के कई इलाकों में बाढ़ के हालात, 27 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

भोपाल
मप्र में लगातार बारिश का दौर जारी है। अधिकतर नदिया उफान पर है, वहीं निचली बस्तियों में जलभराव से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है| राजधानी भोपाल में भी पिछले दो दिनों में हुई बारिश से कई जगह जलभराव की स्तिथि बन गई है| वहीं लगातार हो रही बारिश के चलते बड़ा तालाब भी लबालब हो गया है। लगातार बारिश से बाढ़ की आशंका के बीच राहत आयुक्त ने 27 जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट जारी किया है। स्थानीय मौसम केंद्र ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में भारी वर्षा के मद्देनजर सभी जिलों में आपदा प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था और सभी एहतियातन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा के दौरान जन-धन की कोई हानि न होने देने के सुनिश्चित इंतजाम किए जाएँ। वहीं राहत आयुक्त की ओर से अलर्ट जारी किया गया है| यह अलर्ट आगर, अलीराजपुर, अशोकनगर, बालाघाट, बड़वानी, अनूपपुर, बुरहानपुर, धार, डिंडोरी, गुना, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, छिंदवाड़ा, मंदसौर, नीमच, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, सिवनी, श्योपुर, शाजापुर, उज्जैन और विदिशा के जिला कलेक्टरों को भेजा गया है। आयुक्त ने उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, शहडोल, नर्मदापुरम, भोपाल और चंबल संभाग के संभागायुक्तों को भी तैयारियां पूरी रखने को कहा है।

प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है| खंडवा-खरगोन, बुरहानपुर, हरदा, रायसेन, राजगढ़ में नदियों ने विकराल रूप धारण कर दिया है, जिससे कई जगह निचली बस्तियों में पानी भर गया है। वहीं इंदौर में रातभर हुई बारिश के कारण सदर बाजार थाने के पीछे पुलिस लाइन स्थित 100 साल पुराना बरगद का पेड़ सुबह गिर गया। खंडवा में तो एक दिन में 8 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। इसके चलते नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है और जिले के निचले इलाकों में पानी भर गया है।  बारिश के चलते आशापुर के गर्ल्स हॉस्टल में फंसी लड़कियों को रविवार दोपहर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। वहीं जलस्तर बढ़ने के चलते आशापुर में कई घरों और दुकानों में पानी भर गया है। कई लोगों ने बचने के लिए मंदिर में शरण ली। वहीं खंडवा और होशंगाबाद को जोड़ने वाले पुल के क्षतिग्रस्त होने की वजह से हाईवे पर आवाजाही बंद है। आज अफसर पुल के निरीक्षण के लिए पहुंचेंगे। इसके बाद भी कोई फैसला होगा। बुरहानपुर जिले में भारी बारिश के चलते ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर बह रही है। नदी का पानी शहर के निचले हिस्सों में घुसने से बाढ़ के हालात बन गए हैं। जिले में कुछ जगह बाढ़ की स्थिति के कारण नेपानगर का 8 से 10 गांवों से संपर्क टूट गया।  रायसेन के बरेली स्थित एक निजी स्कूल की जमीन धसकने से स्कूल की दीवार गिर गई। इसमें स्कूल के चौकीदार की मौत हो गई। बारिश के कारण ग्राम नानाखेड़ी नूरगंज सहित दो दर्जन गांव का सड़क संपर्क भी टूट गया। वहीं, रेलवे लाइन के अंडर ब्रिज में भी पानी भर गया है। रायसेन-विदिशा मार्ग भी बंद हो गया।

राजगढ़ में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं| मोहनपुरा डेम के आठ गेट खोल दिए गए हैं| वही जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर  उफनते नाले को पार करने की कोशिश में तेज बहाव में दंपती बह गए। नाले के पास मौजूद लोगों ने घटना की जानकारी बाढ़ सहायता केंद्र को दी। इसके बाद बचाव दल ने करीब चार घंटे की तलाश के बाद चार किलोमीटर दूर एक खेत से सही सलामत बचा लिया। वहीं हरदा में एक डिप्टी रेंजर भी तेज बहाव में बह गया जिससे उसकी मौत हो गई| हरदा जिले के टिमरनी विकासखण्ड अंतर्गत वन ग्राम बोरपानी में पदस्थ डिप्टी रेंजर उपवन क्षेत्रपाल रामफल मसकुले तेज बारिश में नाले को पार करते समय बह गए जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में भारी वर्षा के मद्देनजर सभी जिलों में आपदा प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था और सभी एहतियातन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा के दौरान जन-धन की कोई हानि न होने देने के सुनिश्चित इंतजाम किए जाएँ। मुख्यमंत्री ने जिलों से भारी वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों से कहा कि वे उन स्थानों पर विशेष नजर रखें जहाँ भारी वर्षा के कारण ज्यादा खतरा संभावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निचली बस्तियों में पानी भराव की स्थिति में तत्काल राहत कार्य शुरू करें और राहत शिविर लगाने की पूरी तैयारी रखें। सीएम ने प्रदेश में सभी पुल-पुलिया पर भी निगरानी रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी पुल-पुलिया का निरीक्षण किया जाए जिससे दुर्घटना के पूर्व आवश्यक उपाय किए जा सकें।

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