J&K: हिरासत में लिए गए 4000 में से 3100 रिहा

श्रीनगर
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में हिंसक घटनाएं होने की प्रबल संभावना थी, लेकिन सेन्य बल ने उचित कदम उठाते हुए अबतक वहां ऐसा कुछ नहीं होने दिया। अब जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया है कि घाटी के हालात बिल्कुल सामान्य हैं और लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा चुका है। सूत्रों ये यह भी पता चला कि आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के बाद करीब 4000 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से 3100 लोगों को रिहा कर दिया गया है।

शुक्रवार को डीजीपी दिलबाग सिंह ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की। सिंह ने बताया कि घाटी में लगाई गईं पाबंदियों (मोबाइल फोन, इंटरनेट बंद) को पूरी तरह से हटा दिया गया है। कुछ संवेदनशील इलाकों को छोड़कर फिलहाल हालात पूरी तरह से सामान्य हैं।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने 5 अगस्त से अबतक 4 हजार लोगों को हिरासत में लिया था, जिनमें से 3100 लोगों को अबतक छोड़ दिया गया है। इनमें से ज्यादातर लोगों को सीआरपीसी के सेक्शन 107 के अंतर्गत पकड़ा गया था। यह शांति भंग करने की कोशिश पर लगाई जाती है। वहीं 230-250 के बीच पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट (पीएसए) के तहत पकड़ा गया है। इनमें से ज्यादातर को जम्मू कश्मीर के बाहर की जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है।

सिंह ने आगे बताया कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था उसमें से ज्यादातर पत्थर फेंकने जैसी हरकतों में शामिल थे। इन लोगों की परिवार के सदस्यों के सामने काउंसलिंग की गई थी। सबको इस शर्त के साथ छोड़ा गया कि दोबारा वे ऐसी हरकतें नहीं करेंगे। डीजीपी ने यह भी बताया कि फारूक अब्दुल्ला इकलौते ऐसे नेता रहे जिन्हें 5 अगस्त के बाद पीएसए के तहत पकड़ा गया।

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