ISI जम्मू-कश्मीर में दोबारा खड़ा कर रहा आतंकी संगठन अल-बद्र
त्राल
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए हमले को अभी एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है, घाटी में एक बार फिर एक बड़ा आतंकी खतरा मंडराने लगा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों को मिली ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, अल-बद्र नाम का कट्टरपंथी गुट एक बार फिर सिर उठा रहा है। अल-बद्र के अलगाववादी संगठन जमात-ए-इस्लामी से नजदीकी संबध माने जाते हैं। बता दें कि जमात-ए-इस्लामी को हाल ही में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जैश के पुराने काडर को अल-बद्र में जगह
सूत्रों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद को लेकर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) अल-बद्र को मजबूत करने में जुट गई है ताकि उसके जरिए घाटी में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। इसके लिए जैश के पुराने काडर को कथित रूप से अल-बद्र में शामिल किया जा रहा है। एक सीनियर अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर को बताया है, 'अल-बद्र ने खैबर पख्तूनख्वा में रिक्रूटमेंट चालू कर दिया है। यह वही इलाका है जहां भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक की थी।'
घाटी में जिहाद की आवाज
सूत्रों की मानें तो यह घाटी में आईएसआई की रणनीति में एक बड़ा बदलाव है। अल-बद्र को दोबारा खड़ा करने के पीछे एक कारण यह भी है कि उसमें अभी ऐसे कई पुराने लोग हैं जो उसके साथ तबसे जुड़े हैं, जब से वह घाटी में उभार पर था। इसके मुखिया बख्त जमीन खान ने जम्मू-कश्मीर में जिहाद की आवाज उठाई है। पिछले महीने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जमीन ने कहा था कि यह गुट कश्मीर की आवाज बनेगा और भारत के खिलाफ जंग छेड़ेगा।