IND vs SA T20I: सा. अफ्रीका से ‘फाइनल’ फाइट आज, पंत के प्रदर्शन से परेशान भारत

 
बेंगलुरु

पिछली दस टी20 इनिंग्स में से ऋषभ पंत सात इनिंग्स में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके हैं, इसके बावजूद उन्हें ऑस्ट्रेलिया में होने वाले अगले टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का मुख्य हथियार माना जा रहा है। टीम मैनेजमेंट ने इस युवा प्रतिभाशाली बल्लेबाज पर अपना पूरा भरोसा जताया है, लेकिन पंत फिलहाल इस भरोसे पर खरा उतरने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि पंत को जिस चौथे बल्लेबाजी क्रम पर उतारा जा रहा है वह उनके खेल के मुफीद सटीक क्रम नहीं है।

आउट होने का खौफ
पंत को पांचवें क्रम पर उतारने की सलाह देते हुए एक्सपर्ट चौथे क्रम पर श्रेयस अय्यर को उतारने की सिफारिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि पंत के खेल में पावर है और उस पावर का इस्तेमाल तभी सही से किया जा सकता है जब उनके मन से आउट होने का खौफ बाहर हो जाए। चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए उन्हें कई बार दस ओवर के पहले ही मैदान पर उतरना पड़ गया, जिससे वह पारी को बनाने और तेजी से रन बनाने के बीच किसी एक चीज को चुनने में नाकाम रहे। पांचवें क्रम पर पंत विध्वंसक साबित हो सकते हैं, अलबत्ता वह अपना शॉट चयन सही से करें।

एक और सीरीज मुट्ठी में!
कप्तान विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम इस सीरीज में 1-0 की बढ़त बना चुकी है और उसका इरादा 2-0 के स्कोर के साथ सीरीज पर कब्जा जमाने का होगा। धर्मशाला में पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था और दूसरे मैच में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन व कोहली की बेहतरीन पारी से भारत ने सात विकेट से जीत हासिल कर 1-0 से बढ़त बनाई। मोहाली में साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों के पास कोहली की बल्लेबाजी का भी कोई जवाब नहीं था और अब यह अंतिम मैच ऐसे मैदान पर हो रहा है जिससे भारतीय कप्तान भली भांति वाकिफ हैं और वह यहां एक और बेहतरीन पारी खेलना चाहेंगे।

युवा पेसर्स छोड़ रहे प्रभाव
मध्यक्रम में भारत के पास प्रतिभाशाली श्रेयस अय्यर के बाद हार्दिक पंड्या और रविंद्र जडेजा मौजूद हैं। भारतीय टीम प्रबंधन हालांकि इस बात से संतुष्ट है कि तेज गेंदबाज जैसे दीपक चाहर और नवदीप सैनी ने नियमित जसप्रीत बुमरा और भुवनेश्वर कुमार की अनुपस्थिति में अच्छा प्रदर्शन किया। इन्हें भले ही इंटरनैशनल स्तर पर वर्षों का अनुभव नहीं हो लेकिन वॉशिंगटन सुंदर, चाहर और सैनी ने दिखा दिया कि वे साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों को चुनौती दे सकते हैं। साउथ अफ्रीका के नए कप्तान क्विंटन डि कॉक को फिर से बल्ले से जिम्मेदारी उठानी होगी और वे डेविड मिलर और रीजा हेंड्रिक्स से सहयोग की उम्मीद लगाए होंगे।
 

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