IND vs AUS: मैच ही नहीं इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भी दोनों टीमों में आज होगी जंग

नई दिल्ली        
तीसरी बार वर्ल्ड कप कब्जाने के अभियान में भारतीय टीम लंदन में रविवार को जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसकी नजर न सिर्फ कंगारुओं को धूल चटाने पर होगी बल्कि उस वर्ल्ड रिकॉर्ड पर भी रहेगी जिसे हासिल करने के लिए 5 बार की चैंपियन टीम के खिलाफ हर हाल में एक शतक लगाना ही होगा, साथ ही उसके बल्लेबाजों को शतक लगाने से रोकना भी होगा.

टूर्नामेंट का यह 14वां मुकाबला उस वर्ल्ड रिकॉर्ड का गवाह बन सकता है जिसमें दोनों टीमों के बीच वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने को लेकर जोरदार जंग चल रही है. वर्ल्ड कप के आगाज से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम के नाम टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा 26 शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज था. लेकिन इस वर्ल्ड कप में अपने पहले ही मैच में रोहित शर्मा की शानदार शतकीय पारी की बदौलत भारत ने सर्वाधिक शतक लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली.

अब वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाली दोनों टीमें रविवार को आमने-सामने होंगी तो सब की निगाह इस पर होगी कि यह वर्ल्ड रिकॉर्ड किस टीम के खाते में जाता है. फिलहाल ओवरऑल वर्ल्ड कप में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही टीमों के खाते में 26-26 शतक दर्ज हैं.

क्रिकेट के महाकुंभ में शतकों की शुरुआत की बात करें तो वर्ल्ड कप के शुरुआती मैच में ही इसका आगाज हो गया था. 1975 में खेले गए शुरुआती वर्ल्ड कप के पहले दिन (7 जून) को 2 मैच हुए और दोनों ही मैचों में शतक लगे. इंग्लैंड और भारत के बीच पहला मैच लंदन में खेला गया जिसमें मेजबान टीम की ओर से पहला शतक डेनिस एमिस ने लगाया जिन्होंने 147 गेंदों का सामना करते हुए 18 चौके की मदद से 137 रन बनाए.

इसी दिन खेले गए एक अन्य मैच में बर्मिघम में न्यूजीलैंड के ग्लेन टर्नर ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 171 रनों की पारी खेल डाली.

वर्ल्ड कप में भारत को पहले शतक के लिए तीसरे वर्ल्ड कप का इंतजार करना पड़ा. 1983 के वर्ल्ड कप में कप्तान कपिल देव ने जिम्बाब्वे के खिलाफ टीम को संकट से उबारते हुए 175 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली और शतकों के क्लब में टीम को शामिल कराया.

भारत की ओर से दूसरा शतक 1987 के वर्ल्ड कप में सुनील गावस्कर के बल्ले से निकला जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 103 रनों की पारी खेली थी और इसके लिए महज 88 गेंद ही खेली. इस तरह से शुरुआती 4 वर्ल्ड कप में भारत के खाते में 2 शतक ही आए.

वर्ल्ड कप में भारत की ओर से तीसरा शतक 1996 में लगा. सचिन तेंदुलकर ने कटक में केन्या के खिलाफ नाबाद 127 रनों की पारी खेली. इसी वर्ल्ड कप में तेंदुलकर ने एक और शतक (श्रीलंका के खिलाफ 137 रन) लगाया. तेंदुलकर वर्ल्ड कप में 2 शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज भी बने. विनोद कांबली ने भी इस वर्ल्ड कप में शतक (जिम्बाब्वे, 106 रन) लगाया था.

वर्ल्ड कप में शतक के लिहाज से भारतीय टीम के लिए 1999 का टूर्नामेंट बेहद शानदार रहा. टूर्नामेंट के शुरुआती 5 शतक भारतीय बल्लेबाजों के नाम रहे जिसमें राहुल द्रविड़ (2) के अलावा सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और अजय जडेजा के नाम 1-1 शतक रहा. इस वर्ल्ड कप में लगे 11 में से 5 शतक भारतीय बल्लेबाजों के नाम रहा. 2003 के वर्ल्ड कप में भारत की ओर से 4 शतक लगे.

2007 के वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और सिर्फ 1 शतक (वीरेंद्र सहवाग, बरमुडा, 114 रन) उसके खाते में आया. 2011 के वर्ल्ड कप में भारत की ओर से 5 शतक लगे. इस बार सचिन तेंदुलकर के 2 शतक के अलावा वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली और युवराज सिंह के बल्ले से 1-1 शतक निकले. कोहली (नाबाद 100) ने अपने पहले ही मैच में वीरेंद्र सहवाग (175 रन) के साथ शतक लगाया था.

भारत की मेजबानी में खेले गए 2011 के वर्ल्ड कप में मेजबान दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बना और इस टूर्नामेंट के खत्म होने तक टीम इंडिया के शतकों की संख्या 20 हो गई और इस समय तक कंगारू टीम के खाते में शतकों की संख्या 22 थी.
2015 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की ओर से 4 शतक निकले तो भारत की ओर से 5 शतक आए, इस तरह से पिछले वर्ल्ड कप तक ऑस्ट्रेलिया के शतकों की संख्या 22 से बढ़कर 26 हो गई जबकि भारत ने भी अपने शतकों की संख्या बढ़ाकर 25 कर ली.

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