HC का निर्देश, ‘उर्दू-फारसी के शब्दों का प्रयोग न करें’

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस को हाई कोर्ट ने खास तौर पर निर्देश दिया है कि एफआईआर की भाषा बहुत सरल रखी जाए। दिल्ली हाई कोर्ट ने अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में दर्ज की गई 100 एफआई की भाषा का नमूना देखने के बाद यह निर्देश दिया। एफआईआर में बहुत मुश्किल उर्दू भाषा और फारसी के शब्दों के प्रयोग से बचने का सुझाव भी पुलिस को दिया गया है।

उर्दू-फारसी के मुश्किल शब्दों से बचने का निर्देश
चीफ जस्टिस डी. एन. पटेल और जस्टिस सी हरि शंकर की बेंच ने यह निर्देश जारी किया। 2 जजों की बेंच का निर्देश दिल्ली पुलिस की लीगल सेल को भेजा गया है। लीगल सेल ने सभी पुलिस स्टेशनों को कोर्ट के निर्देश के अनुसार एफआईआर में मुश्किल उर्दू, फारसी शब्द नहीं प्रयोग करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि एफआईआर नोट करते वक्त पुलिसकर्मी कई बार मुश्किल शब्दों के तकनीकी अर्थ को पूरी तरह से समझे बिना ही प्रयोग करते हैं।

  
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383 उर्दू-फारसी के मुश्किल शब्दों की लिस्ट
दिल्ली पुलिस के लिए 383 ऐसे उर्दू और फारसी के शब्दों को चुना गया है जिनका अनुवाद हिंदी और अंग्रेजी में किया गया। इस लिस्ट पर जोर देते हुए कोर्ट ने कहा कि मुश्किल उर्दू और फारसी के शब्दों को आम जनता नहीं समझ सकती है। इन शब्दों के स्थान पर आसान शब्दों के प्रयोग का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं है कि मुश्किल शब्दों के स्थान पर हिंदी के ही शब्द प्रयोग किए जाएं, उर्दू या फारसी के आसान और लोगों को समझ में आनेवाले शब्द प्रयोग हो सकते हैं।

कोर्ट ने माना, 'FIR एक महत्वपूर्ण दस्तावेज'
दिल्ली हाई कोर्ट ने एफआईआर को सरल भाषा में दर्ज करने पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी केस में एफआईआर की कॉपी महत्वपूर्ण होती है। बेंच ने कहा, 'कोर्ट में मैजिस्ट्रेट के सामने भी एफआईआर की कॉपी तत्काल पेश की जाती है। यह अपराध की प्राथमिक जानकारी के लिए होता है।'

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