GIS सर्वे : 49 नगरीय निकायों की आमदनी 143 फीसदी बढ़ी हुई, गड़बड़ी मिलने पर अफसरों पर गाज

भोपाल
प्रदेश के नगरीय निकायों के जीआईएस सर्वे हुआ तो प्रदेश के 49 निकायों की आमदनी 143 फीसदी बढ़ गई है। इन निकायों में एक लाख 80 हजार 776 नई सम्पत्तियों का पता चला और इनसे लिए जाने वाले टैक्स की आय में 36 करोड़ 17 लाख 81 हजार 233 रुपए का इजाफा हुआ है।

यह हाल तो प्रदेश के केवल 49 निकायों का है। जीआईएस सर्वे से आमदनी बढ़ने के बाद अब सरकार ने सभी निकायों का जीआईएस सर्वे कराने का निर्णय लिया है। अब 31 जुलाई तक सारे निकाय जीआईएस सर्वे के दायरे में आ जाएंगे।  इसके बाद मुख्यालय से इस पूरे सिस्टम की जांच भी कराई जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर अफसरों पर गाज गिरेगी।

 नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों के आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिए है कि 31 जुलाई तक प्रदेश के सभी निकायों का जीआईएस सर्वे पूरा करे। कोई सम्पत्ति छूटे नहीं तथा उनका क्षेत्रफल, उपयोग सही हो यह सुनिश्चित किया जाए।

एक अगस्त के बाद सरकार हर सप्ताह नगर निगम के दो, नगर पालिका परिषद के दो और नगर परिषद की एक सम्पत्ति का चयन कर मुख्यालय से दल भेजकर उसकी जांच कराएगी। यदि मौके पर सम्पत्ति के आकार, उसकी बनावट और निर्माण कार्य में किसी प्रकार का अंतर पाया जाता है। उसमें कोई त्रुटि निकलती है तो जीआईएस सर्वे में फीडिंग करने वाले और मौका मुआयना करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

वसूली बढ़ाने के लिए सुविधाएं-नागरिकों को आॅनलाइन सुविधाएं देकर सरकार वसूली बढ़ाने का प्रयास भी करेगी। सम्पत्ति पर टैक्स की गणना उसे जमा करने का काम आम नागरिक मोबाइल एप और ई नगर पालिका पोर्टल के जरिए घर बैठे या कियोस्क के जरिए कर सकेंगे।

सम्पत्ति के आॅफलाइन सर्वे में नगरीय निकायों का अमला भारी गोलमाल करता है। निर्माण कच्चा या कम दिखा कर सम्पत्ति का मूल्यांकन कम किया जाता है। इससे उस पर टैक्स कम दिखाया जाता है। कागजों में कुछ और हकीकत में कुछ और होता है। टैक्स पहले बढ़ाकर आम नागरिकों को नोटिस जारी किए जाते है बाद में समझौता शुल्क लेकर नगरीय निकायों का अमला इसमें गोलमाल करता है।

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