पौधारोपण अभियान में पंचवटी श्रेणी के पौधे के रोपड़ पर जोर
गोरखपुर
एक जुलाई को होने वाले ‘वृक्षारोपण महाकुंभ’ में प्रदेश भर में 22 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। जबकि एक ही दिन 15 अगस्त को 11.27 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इस बार के पौधारोपण अभियान में शासन ने पंचवटी श्रेणी के पौधों की प्रजातियों पर सर्वाधिक जोर दिया जा रहा है। बकायदा पौधों की प्रजातियों के साथ वृक्षारोपण के लिए 17 स्थानों को चिन्हित करते हुए वहां लगाए जाने वाले पौधों की प्रजातियों एवं पौधों के बीच की दूरी भी प्रस्तावित की गई है।
प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश अनुराग श्रीवास्तव द्वारा सभी जिलाधिकारियों को शुक्रवार को निर्देश जारी कर दिए गये हैं। निर्देशों के मुताबिक केवल देशी प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जाएगा। कोशिश की जाएगी पंचवटी प्रजातियों पीपल, बरगद, पाकड़, नीम और फलदार वृक्ष यानी आम, जामुन, महुआ, सहजन के पेड़ अधिकाधिक लगाए जाएं। रेलवे लाइन की पटरियों के किनारे 6 मीटर की दूरी पर नीम, आम, अमरूद, सावनी, चांदनी, गुड़हल, गुलमोहर और अमलतास के पौधे लगाए जाएंगे।
इन पौधों के लगाने पर सर्वाधिक जोर
हर्र, बहेड़ा, महुआ, चिरौजी, सेमल, बरगद, पीपल, पाकड़, इमली, कुसुम, गूलर, शीशम, कंजी, अर्जुन, जकरैंडा, गोल्ड मोहर, अमलताश, कचनार, देशी अशोक, छितवन, कदम, मोलश्री, पुत्रजीवा, जामुन, जरूल, बोलब्रश, हरसिंगार, टेकोमा, आम, सिरस के पौधों पर सर्वाधिक जोर है।
धार्मिक स्थलों में लगाए जाएंगे इन प्रजातियों के पौधे
शासन स्तर पर एक जुलाई से शुरू हो रहे पौधारोपड़ अभियान के अंतर्गत धार्मिक स्थानों पर रोपित किए जाने वाले पौधों के लिए प्रजातियों का चयन किया गया है।
मंदिर परिसर: पीपल, कदम, गुलमोहर, हरसिंगार, गुड़हल और चमेली के पौधे लगाए जाएंगे।
मस्जिद परिसर: अमलतास, गुलमोहर, कचनार, हरसिंगार, चमेली, चांदनी और रात की रानी के पौधे लगेंगे।
गुरुद्वारा परिसर: अमलतास, गुलमोहर, बोगेनबिलिया, नीली और गुलमोहर के पौधे लगेंगे।
चर्च परिसर: चर्च के लिए क्रिसमस ट्री, अरोकेरिया, गुलमोहर, बोगेनबिलिया, नीली गुलमोहर लगाए जाएंगे।
शवदाह स्थल: गुलमोहर, अमलताश, कचनार, पीपल, अर्जुन, कंजी और नीम के पौधे लगाए जाएंगे।