CPI, बीएसपी, NCP अब नहीं रहेंगे राष्ट्रीय दल?

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद वामपंथी दल सीपीआई का अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन सकता है। सीपीआई को आम चुनाव में महज दो सीटों पर ही जीत मिल सकी है। यही नहीं बहुजन की राजनीति करने वाली बीएसपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सामने भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिनने का खतरा है। तीनों ही पार्टियों का लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में यह खराब प्रदर्शन है।

हालांकि 2014 में तीनों ही दलों का राष्ट्रीय दर्जा छिनने से बच गया था क्योंकि 2016 में चुनाव आयोग ने अपने नियमों में संशोधन किया था। आयोग ने फैसला लिया था कि अब राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टियों के दर्जे की समीक्षा 5 सालों की बजाय हर 10 साल में की जाएगी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रटरी एस. सुधाकर रेड्डी ने कहा, 'चुनाव आयोग के मौजूदा नियमों के मुताबिक हमारे समक्ष राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिनने का खतरा है। आयोग यह फैसला लेगा कि हमारा अस्तित्व राष्ट्रीय स्तर पर है या नहीं। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस संबंध में सकारात्मक फैसला लेगा।'

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने के बाद भी उनके दल की गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम पहले की तरह ही काम करते रहेंगे। बता दें कि इस चुनाव में बीएसपी को 10, सीपीआई को 3 और एनसीपी को 5 लोकसभा सीटों पर जीत मिली है।

जानें, राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे पर क्या है नियम
चुनाव चिह्न ऑर्डर , 1968 के मुताबिक किसी भी दल को राष्ट्रीय दर्जा मिलने के लिए यह जरूरी है कि उसे लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 4 राज्यों में 6 फीसदी से अधिक वोट मिले हों। इसके अलावा उसके कम से कम 4 सांसद लोकसभा में हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *