पश्चिम बंगाल: जय श्रीराम न बोलने पर मदरसा शिक्षक की पिटाई, चलती ट्रेन से फेंका

 
कोलकाता 

झारखंड के बाद अब पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम को लेकर एक 20 साल के एक मदरसा टीचर के साथ मारपीट की गई। इतना ही नहीं, जयश्री राम न बोलने पर कोलकाता के पार्क सर्कस स्टेशन पर एक चलती लोकल ट्रेन से उन्हें धक्का मारकर बाहर फेंक दिया गया। पीड़ित शाहरुख हलदर की जान तो बच गई लेकिन अभी काम पर लौटने की स्थिति में नहीं हैं। 
 

मदरसा शिक्षक ने दावा किया है कि जब वह दक्षिण 24 परगना जिले के हुगली में यात्रा कर रहे थे, तो जय श्रीराम नहीं बोलने की वजह से एक समूह द्वारा उन्हें चलती ट्रेन से धक्का देकर फेंक दिया गया। हाफिज मोहम्मद शाहरुख हलदर ने कहा कि भीड़ ने उनकी पिटाई की। ट्रेन में कोई भी उनके बचाव में नहीं आया। उनका आरोप है कि भीड़ ने जब उन्हें पार्क सर्कस स्टेशन के पास धक्का देकर ट्रेन से फेंक दिया तब उसके बाद कुछ स्थानीय लोगों ने मदद की। 

 
दूसरे पक्ष ने भी दर्ज कराई शिकायत 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना पर रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि चढ़ने-उतरने में विवाद के कारण शाहरुख पर हमला किया गया था। इस घटना की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। एक दूसरे यात्री ने भी रेलवे पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। उसने अपनी शिकायत में कुछ युवकों पर उसके और अन्य यात्रियों के साथ मारपीट का आरोप लगाया। शिकायतकर्ता कोलकाता में हिंदू संहति रैली में शामिल होने के लिए एक ग्रुप का हिस्सा था। 

हिंदूवादी संगठन ने आरोपों से इनकार किया 
दोनों घटनाएं कैनिंग-सियालदाह लोकल ट्रेन में घटित हुई। शाहरुख एक कोच में बीच की सीट पर बैठे थे। इसी दौरान कैनिंग स्टेशन पर कुछ युवक ट्रेन पर चढ़ आए। कुछ और लोग भी उसमें शामिल हो गए। इसके बाद अचानक वे रुक गए। हलदर ने बताया, 'उनमें से कुछ मेरी ओर बढ़े, उस वक्त ट्रेन धकुरिया स्टेशन के नजदीक पहुंची थी। उन्होंने मेरे पहनावे पर सवाल किया और मुझे उनके साथ जय श्रीराम बोलने को कहा। जब मैंने इनकार कर दिया तो उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया।' आरोपी हिंदू संहति संस्था से जुड़ा था जिसने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसके समर्थकों के साथ मारपीट हुई थी। 
 

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