CM कमलनाथ ने कहा-मुंह और सरकार चलाने में फर्क है, शिवराज ने दिया ये जवाब

भोपाल
मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya pradesh assembly) के शीतकालीन सत्र (winter session) का तीसरा दिन हंगामेदार रहा.सदन की कार्यवाही शुरू होते ही गेहूं पर दिए जाने वाले बोनस के मुद्दे पर हंगामा हो गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को गेहूं का 160 रुपए बोनस नहीं देना चाहती. बात इतनी बढ़ी कि सीएम कमलनाथ (cm kamalnath) ने कह दिया मुंह चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है.सीएम के इतना कहते ही सदन में हंगामा तेज़ हो गया. विपक्ष के हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही को दो बार पांच मिनट के लिए स्थगित करना पड़ी.

दरअसल हुआ ये कि गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही में प्रश्नकाल के दौरान किसानों को दिए जाने वाले बोनस को लेकर एक सवाल पूछा गया था. इस पर राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने जो जवाब दिया उससे विपक्ष असंतुष्ट हो गया.उसने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को 160 रुपए का बोनस नहीं देना चाहती. हंगामा बढ़ा तो विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सीएम कमलनाथ खुद खड़े हुए और यहां तक कह दिया कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है. सीएम ने साफ कहा कि जब बीते साल किसानों को सरकार ने बोनस दिया था तो केंद्र सरकार ने 7 लाख टन खरीदी घटा दी थी. इस बार अगर बोनस देते तो पता नहीं क्या हाल करती. सीएम ने विपक्ष को ही कठघरे में खड़ा करते हुए कहा एमपी में बीजेपी के 28 सांसद हैं वो केंद्र के सामने एमपी के हित की बात क्यों नहीं रखते ?

सीएम के जवाब से भड़के विपक्ष की ओर से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मोर्चा संभाला. शिवराज ने कहा कि उन्होंने मुंह नहीं चलाया सरकार चलाई है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि ये उनकी स्वतंत्रता पर हमला है.हम यहां मूक वक्ता और श्रोता बनकर नहीं बैठ सकते.हंगामे के बाद सीएम कमलनाथ फिर खड़े हुए और कहा मैनें किसी को व्यक्तिगत तौर पर टारगेट नहीं किया था अगर आप बनना चाहते हैं तो मैं क्या करूँ ?

गेहूं बोनस के मुद्दे पर सदन में जो कुछ हुआ उससे स्पीकर एनपी प्रजापति नाराज हो गए. स्पीकर ने अधिकारियों की कार्यशैली पर भी नाराज़गी ज़ाहिर की. दरअसल राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों के मुद्दे पर जो जवाब दिया उसकी आधी अधूरी जानकारी से न केवल विपक्ष बल्कि स्पीकर एनपी प्रजापति भी नाराज हो गए.स्पीकर ने आसंदी से व्यवस्था दी कि प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले सवालों को लेकर अधिकारी मंत्री को पूरी जानकारी के साथ ब्रीफ करें.स्पीकर ने व्यवस्था के तहत कहा कि राजस्व मंत्री सवाल पूछने वाले विधायक देवेंद्र वर्मा को अधिकारियों से पूरी जानकारी लेकर सूचित करें.

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