CAA बिजनौर हिंसा: 2 युवकों की मौत, अलग-अलग तहरीर, आरोपी पुलिसवाले लगभग एक

बिजनौर
नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान यूपी के बिजनौर में नहटौर के दो युवकों की मौत हो गई थी। दोनों ही युवकों के परिजन का दावा है कि उनके बेटे प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे। इतना ही नहीं दोनों परिवारों ने अपने बच्चों की मौत के लिए पुलिसकर्मियों को आरोपी ठहराया है, इनमें कुछ पुलिसवाले ऐसे हैं, जिन्हें दोनों ही परिवारों ने आरोपी बनाया है।

नहटौर में हिंसा में जान गंवाने वाले दो व्यक्तियों में से एक के पिता ने रविवार की रात चार पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। इससे पहले, एक अन्य मृतक के भाई ने छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दिया था।

थाना नहटौर के प्रभारी सत्यप्रकाश सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी। 20 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान नहटौर में हिंसा में सुलेमान और अनस नामक दो व्यक्तियों की जान चली गई थी। सिंह ने बताया कि अनस के पिता ने रविवार की रात चार पुलिसकर्मियों पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। पूर्व में, सुलेमान के भाई शोएब ने छह पुलिसकर्मियों पर अपने भाई हत्या कराने का आरोप लगाते हुए एक तहरीर दी थी। सिंह ने बताया कि अनस और सुलेमान के परिजनों की तहरीरें जांच के लिए पूर्व में उपद्रवियों के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी के साथ संलग्न कर दी गई हैं।
 
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए। कहीं पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे तो कुछ जगहों से हिंसा की ख़बरें भी सामने आईं। उत्तर प्रदेश में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। हिंसक घटनाओं को देखते हुए पूरे प्रदेश में तनाव व्याप्त है।

नागरिकता कानून को लेकर 20 दिसंबर को बिजनौर में हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मृतकों के परिवारवालों से मिलने बिजनौर पहुंचीं। प्रियंका ने कहा, ये हत्याएं बहुत अजीब परिस्थितियों में हुई हैं।

प्रयागराज में जिला प्रशासन द्वारा इंटरनेट सेवाएं 24 दिसंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया है।

विभिन्न जिलों में गुरुवार से चल रही हिंसा में अबतक कम-से-कम 18 लोग मारे जा चुके हैं। डीजीपी ने कहा, हिंसा की वारदातों में शामिल 879 संदिग्ध उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शन के दौरान 282 पुलिसकर्मी जख्मी हैं।

उत्तर प्रदेश के जिलों की हालत का अंदेशा राजधानी लखनऊ से भी लगाया जा सकता है। सतखंडा पुलिस चौकी फूंक दी गई, वाहनों को जला दिया गया। तमाम इंतजाम प्रदर्शकारियों की भीड़ के आगे पस्त हो गए। यूपी कांग्रेस चीफ अजय कुमार लल्लू कहते हैं, तमाम एजेंसियां कहां चली गई थीं। शासन-प्रशासन के सारे इंतजाम विफल साबित हुए हैं।

उत्तर प्रदेश में हर तरफ हिंसा भड़कती गई। लखनऊ में स्थितियां बेकाबू हुईं तो सीएम योगी ऐक्शन में आए। उन्होंने कहा कि सरकारी हो या सार्वजनिक संपत्ति जो भी नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति उपद्रवियों से कराई जाएगी।

कानून व्यवस्था चरमरा उठी। कहीं प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की तो कहीं से खबर आई कि पुलिस चौकी फूंक दी गई है। प्रदर्शन के दौरान जब मौतों की खबरें आने लगीं तो योगी सरकार का टेंशन बढ़ने लगा। रामपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, वाराणसी, फिरोजाबाद, बिजनौर, अयोध्या, सीतापुर समेत कई जिलों से हिंसा की खबरें सामने आईं।

कानपुर में शुक्रवार और शनिवार दोनों ही दिन उपद्रवियों द्वारा उत्पात मचाया गया। शुक्रवार को हलीम मुस्लिम कॉलेज से यतीम खाने की तरफ मुंह पर कपड़ा बांधे हुए भीड़ पहुंची। फिर कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पथराव शुरू कर दिया। शनिवार को तो यह स्थिति पैदा हो गई कि आरएएफ को तैनात किया गया।

यूपी में नागरिकता कानून को लेकर चौतरफा उपद्रव की ख़बरें आईं। आनन-फानन जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। लखनऊ समेत 25 जिलों में तो अभी भी इंटरनेट बंद है। सरकार ने आदेश दिया है कि 23 दिसंबर तक लखनऊ के साथ-साथ 25 जिलों में इंटरनेट सुविधाएं बंद रहेंगी।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कुछ अन्य जिलों में 24 दिसंबर तक के लिए स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। तमाम घटनाओं के बाद अब यूपी पुलिस एक-एक कदम बेहद सावधानी के साथ रख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *