CAA का विरोध करने रंगमहल चौराहे पर जुटेंगे 25 हजार कांग्रेसी, सरकार का रुख साफ करेंगे सीएम कमलनाथ

भोपाल
प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma), जयवर्धन सिंह (Jaivardhan singh) और प्रभुराम चौधरी (Prabhuram Choudhary) की पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्रोटेस्ट मार्च को लेकर प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत प्रोटेस्ट में शामिल होने वाले कांग्रेसी दोपहर 12 बजे रंगहमल चौराहे पर जुटेंगे और मिंटो हाल स्थित गांधी प्रतिमा पर मार्च खत्म करेंगे. इसके बाद सीएम कमलनाथ प्रेस कांफ्रेस कर बिल पर सरकार का रुख रखेंगे.

22 दिसंबर को बीजेपी का बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद जेपी नड्डा के नेतृत्व में नागरिकता बिल के समर्थन में होने वाले आयोजन के जवाब में कांग्रेस ने भी अब सड़कों पर उतरकर विरोध करने वालों का साथ देने की तैयारी कर ली है. ये पहला मौका होगा जब सीएम कमलनाथ के नेतृत्व पूरा मंत्रिमंडल, विधायक और पार्टी नेता पैदल मार्च कर नागरिकता बिल पर विरोध दर्ज कराएंगे.

दरअसल प्रदेश की कांग्रेस सरकार नागरिकता बिल को राज्य में लागू नहीं करने को लेकर पहले से ही संकेत दे चुकी है. सीएम कमलनाथ साफ कह चुके हैं कि बिना मुख्यमंत्रियों से चर्चा के केंद्र ने इस बिल को लागू करने का फैसला किया है जो कि समाज को बांटने वाला है. उन्होंने ये भी कहा था कि ऐसे किसी भी बिल का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है. अब नागरिकता बिल को लेकर देश भर में मचे बवाल और प्रदेश के कई जिलों में हो रहे प्रदर्शनों के बाद सरकार भी बिल के विरोध में सड़कों पर उतरने जा रही है.

कांग्रेस पार्टी ने प्रोटेस्ट मार्च का जो कार्यक्रम बनाया है उसके मुताबिक 11 बजे प्रदेशभर के कांग्रेसी रंगमहल चौराहे पर जुटेंगे. सीएम कमलनाथ दोपहर 12 बजे प्रोटेस्ट मार्च में शामिल होंगे. 12 बजे मार्च रंगमहल चौराहा से मिंटो हाल के लिए रवाना होगा. 12.30 बजे मिंटो हाल की गांधी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कांग्रेसी बिल को संविधान के खिलाफ बताएंगे और इसे वापिस लेने की मांग करेंगे. दोपहर 1.30 बजे सीएम कमलनाथ पीसीसी पहुचेंगे और नागरिकता बिल पर कांग्रेस का मत रखेंगे.

प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि पार्टी की कोशिश है कि नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में पार्टी के प्रोटेस्ट मार्च में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुटाया जाए ताकि केंद्र की इस पहल का विरोध हो सके. इसके लिए भोपाल और उसके आसपास के जिले के लोग 25 दिसंबर को राजधानी में जुटेंगे.

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