BJP से निष्कासित प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस की सदस्यता करेंगे ग्रहण

भोपाल
भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित नेता प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे. वह रविवार दोपहर में पीसीसी चीफ कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होंगे. उपचुनाव में वह सांवेर सीट से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं. प्रेमचंद गुड्डू की कांग्रेस में वापसी को लेकर विधायकों में नाराजगी थी. पीसीसी चीफ कमलनाथ की सहमति के बाद नाराज विधायक भी राजी हो गए. उपचुनाव के ठीक पहले प्रेमचंद गुड्डू के कांग्रेस में जाने को भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है.

प्रेमचंद गुड्डू के बाद बीजेपी के कुछ और नेता भी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं. बमोरी से बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल ने पीसीसी चीफ कमलनाथ से फोन पर बात की है. बमोरी सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर उनकी कमलनाथ के साथ चर्चा हुई है. केएल अग्रवाल शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

मध्य प्रदेश में उपचुनाव की आहट से नेताओं की घर वापसी होने लगी है. करीब 30 साल तक कांग्रेस में रहे पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने ठीक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था. अब वही प्रेमचंद गुड्डू कह रहे हैं कि उन्होंने बीजेपी से 9 फरवरी को ही इस्तीफा दे दिया था. प्रेमचंद गुड्डू ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि वह उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के खिलाफ बयानबाजी के आरोप में बीजेपी संगठन ने प्रेमचंद गुड्डू को नोटिस जारी किया था. नोटिस का जवाब देते हुए प्रेमचंद गुड्डू ने एक चिट्ठी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भेजी है. उन्होंने इस चिट्ठी में लिखा है कि वह बीजेपी से 9 फरवरी को ही इस्तीफा दे चुके हैं. इसमें उन्होंने एक बार फिर सिंधिया और सिलावट पर निशाना साधा है. प्रेमचंद ने पत्र में लिखा था कि, वे फरवरी में ही यह समझ गए थे कि बीजेपी कांग्रेस की सरकार को गिरा देगी ऐसे वक्त में भी जब पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में था. इस राजनीतिक उठापटक में उन्होंने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा.

प्रेमचंद गुड्डू के इस्तीफे पर बीजेपी फिलहाल चुप्पी साधे है. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रेमचंद गुड्डू का कोई भी इस्तीफा प्रदेश संगठन को नहीं मिला है .अगर वह इस्तीफा भेजते हैं तो फिर संगठन उस पर फैसला लेगा. फिलहाल प्रेमचंद गुड्डू को 7 दिन का नोटिस जारी किया गया है और पार्टी उनके नोटिस के जवाब का इंतजार करेगी. इसके बाद ही उनके खिलाफ कोई निर्णय लिया जाएगा.

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