मेघनगर में नकली खाद बनाने के उद्योग चल रहे हैं धड़ल्ले से

 

 

*दो साल से बंद फैक्ट्री से खाद के सैंपल लिए चालू नकली खाद बनाने वाले कारखानो की और कार्रवाई नहीं*

 

मेघनगर निप्र- मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में पिछले एक दशक से अधिकारियों की मिलीभगत से कल कारखानों मैं नकली एम.पी. के. खाद बनाने का गोरखधंधा तेजी से फल फूल रहा है। यहां के कल कारखाना मैं गुजरात से ऐसा वेस्ट मटेरियल लाकर के खाद्य बनाने में प्रयोग किया जाता है जिस पर गुजरात सरकार द्वारा उक्त वेस्ट को फैक्ट्री के बाहर फेंकने की भी परमिशन नहीं है ऐसे वेस्ट को मेघनगर उद्योग क्षेत्र में लाकर बड़े पैमाने पर नकली खाद का निर्माण किया जाता है।

 

*कृषि विभाग की संभागीय टीम आई और खानापूर्ति करके हो गई रवाना*

 

मंगलवार की दोपहर में मेघनगर उद्योगिक क्षेत्र में कृषि विभाग के दो शासकीय वाहन  मध्य भारत खाद फैक्ट्री के प्लांट पर पहुंचे जो कि 2 वर्ष से बंद पड़ा हुई है उक्त वाहनों में  इंदौर से संयुक्त संचालक कृषि विभाग के आर.एस. सिसोदिया एवं राजन चौहान सहायक संचालक व झाबुआ कृषि अधिकारी श्री रावत दल बल के साथ 2 वर्ष से बंद पड़े प्लांट पर पहुंचे एम .पी. के.खाद सेंपल उठाये व अपने कार्यों की इतिश्री करते हुए मेघनगर के गने जी रेस्टोरेंट में भोजन के लिए पूरी टीम पहुंच गई बाद में मीडिया के हस्तक्षेप करने पर मीडिया ने नकली खाद बनाने की बात संभागीय अधिकारी जी सिसोदिया को बताई तब उन्होंने जिला अधिकारी रावत को मेघनगर के दो प्लांट से खाद का सिंपल उठाने की बात कही। कृषि विभाग की टीम पूरी खबर को कवरेज कर रहे मीडिया की टीम जब क्षेत्र के बालाजी कंपनी में पहुंची तो वहां पर गुणवत्ता  परीक्षण की ना तो लेब थी ना ही खाद बनाने की गुणवत्ता का ध्यान रखे जाने वाली कोई बात। जब अधिकारीयो द्वरा फैक्ट्री में रखे माल एवं ट्रक में लोड हो रहे माल की एनओसी व अन्य दस्तावेज मांगे तो वहां के मैनेजर ने इंदौर से दस्तावेज मंगाने की बात कही एवं इशारों इशारों में सारा मामला सिमट के रह गया थोड़ी देर बाद विभागीय टीम पास ही के मोनी मिनरल पर पहुंची जहां पर काफी देर के बाद गेट खुलवाया गया एवं वहां के मालिक ने बताया कि मेरे पास में कुछ भी ऐसा स्टॉक नहीं है जिसकी सैंपल आप ले सके सिर्फ वही स्टॉक है जिससे मुझे कुछ दिन पूर्व में जेल जाना पड़ा था वह 27 टन एमपी के खाद है आप चाहें तो देख सकते हैं जिसके बाद झाबुआ कृषि अधिकारी रावत द्वारा इंदौर से पधारे अधिकारी का प्रोटोकॉल एवं उन्हें अटेंड करने के बात कह कर साहब अपने वाहन से निकल गए।

 

*नकली खाद बनाकर रंग बिरंगी थेलीयो में अलग अलग नामो से भरा जाता है खाद ओर छलते है अन्नदाता को*

 

झाबुआ।।मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में 10 से भी अधिक नकली खाद बनाने के प्लांट धड़ल्ले से चल रहे हैं जिसमें 10 से ₹15 मात्र खर्चे की ऐसी रंग बिरंगी प्लास्टिक की खाद बोरिया छपवा कर अलग-अलग नामों से उस में तरह-तरह  का नकली माल पेकिंग किया जाता है। इतना ही नहीं इन कारखानों में काम कर रहे मजदूर से ओवरटाइम काम करवाकर के पूरा रोजगार भी नहीं दिया जाता है एवं स्थानीय मजदूर को ना लगाकर  अन्य राज्यों से मजदूर बुलाए जाते हैं साथी उनके स्वासथ सुरक्षा का भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता है। समय रहते हुए शासन द्वारा यदि इन गोरख धंधा  नकली खाद बनाने की फैक्ट्री पर अंकुश नहीं लगाया गया तो किसान अपनी जमीन से फसल को कैसे बचाएगा। यह हमारे अन्नदाताओं के लिए बड़ा चिंता का विषय है।

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