905 करोड़ रुपये की अवैध हेजिंग पर 6 कंपनियों को प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस

नई दिल्ली

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत कम से कम 6 फर्मों और इसके निदेशकों को 905 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्राओं के अनधिकृत बढ़ोतरी (हेजिंग) के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

हेजिंग एक जोखिम प्रबंधन रणनीति है जो संबंधित परिसंपत्ति में विपरीत स्थिति को लेकर निवेश में नुकसान की भरपाई करने के लिए नियोजित की जाती है. यह कमोडिटी की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से नुकसान से बचने का एक तरीका भी होता है.

वित्तीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने कई फर्मों को फेमा नोटिस जारी किए हैं. इनमें संतोष प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, पेन्नार ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, डिलाइट सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक आदित्य सारदा और नवीन नय्यर, हेडेन वेनिजा प्राइवेट लिमिटेड (जिसे पहले मैरीगोल्ड वेनिजा के रूप में जाना जाता था) के निदेशक सचित सर्राफ और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के तत्कालीन सीईओ और एमडी शामिल हैं.

जांच एजेंसी ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड वह पोर्टल है जिस पर ये अनधिकृत लेनदेन हुए थे.

जांच एजेंसी ने बताया कि वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के आधार पर फेमा के प्रावधानों के तहत शुरुआती जांच की गई थी. जांच से पता चला है कि ये कंपनियां विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न अनुबंधों के अनधिकृत लेनदेन में शामिल थीं.

संतोष प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, पेन्नार ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, और डिलाइट सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड, द कंपनिज ऑफ आदित्य सारदा ने 2011-12 के वित्तीय वर्ष में विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव के बीच सट्टा लाभ कमाने के लिए महज 3 दिनों में 905 करोड़ रुपये के अनधिकृत लेनदेन किया.

प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि ईडी की जांच में आगे पता चला है कि आरोपी कंपनियों के पास कोई वास्तविक विदेशी लेन-देन या किसी भी तरह का व्यापार या व्यवसाय नहीं था जो किसी भी निर्यात, आयात या किसी अन्य गतिविधि से संबंधित हो, जिसमें विदेशी मुद्रा वायदा, डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग के माध्यम से कवरेज या हेजिंग की आवश्यकता हो.

जांच एजेंसी का यह भी दावा है कि हेडेन वेनिजा प्राइवेट लिमिटेड के ब्रोकर ने भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमोदन के बिना ही फ्यूचर करेंसी की मुद्रा व्युत्पन्न अनुबंधों के तहत अवैध लेनदेन किया.

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