44 साल से अटकी मास्टर प्लान की मेजर रोड-3, 5, 9 व 11 अब बनाने की तैयारी

इंदौर 
शहर के मास्टर प्लान 1975 में प्रस्तावित चार मेजर रोड (एमआर-3, 5, 9 और 11) को 44 साल पहले अब जाकर पूरी बनाने की तैयारी है। निगम इन सड़कों को डेवलपमेंट शुल्क लेकर बनाएगा। शहर में सुगम ट्रैफिक के लिए नगर निगम, प्रशासन और पुलिस ने अभियान में मास्टर प्लान की सड़कों को जल्द बनवाना तय किया गया है। इसी को लेकर निगम ने इन चार सड़कों का प्रस्ताव तैयार किया जिसका प्रजेंटेशन प्रमुख सचिव संजय दुबे को भी दिखाया गया। उन्होंने प्रोजेक्ट पर सहमति दी।
  
अब वे मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा करेंगे। निगमायुक्त आशीष सिंह के मुताबिक इन सड़कों को लोन लेकर बनाएंगे। जिन लोगों की जमीन ली जाएगी, उनसे सीधे तौर पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। जिन जमीन मालिकों को रोड बनने से फायदा मिलेगा वहां जो भी संपत्तिकर का रेट जोन होगा, उससे एक स्तर पर बढ़ाकर बेटरमेंट चार्ज लिया जाएगा वह भी एक बार। इससे न तो जमीन मालिकों या प्लाॅट मालिकों को नुकसान होगा न ही निगम पर वित्तीय बोझ पड़ेगा।         
 
महापौर मालिनी गौड़ ने भी इन सड़कों का काम निगम स्तर पर करने के निर्देश दिए थे। उसी के बाद संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने कुछ सड़कें निगम और कुछ आईडीए से बनाने के लिए कहा था। निगम आयुक्त ने बताया कि शहर की यह चारों सड़कें जरूरी है, इसलिए प्लान सभी जनप्रतिनिधियों के माध्यम से तैयार किया है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद एमआईसी और परिषद से मंजूरी लेकर इनका निर्माण होगा। इन चार सड़कों के कुछ हिस्से बने हुए है, बावजूद 13 से 14 किमी का हिस्सा बनना शेष है। इस पर औसत 20 से 25 रुपए वर्ग फीट तक का बेटरमेंट शुल्क प्रारंभिक तौर पर गणना में लिया गया है। एक बार मंजूरी मिलने के बाद इस पर डिटेल काम होगा।

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