सड़कों पर घूम रही हैं 10 लाख बेसहारा गाय, कमलनाथ सरकार देगी सहारा

भोपाल
मध्य प्रदेश (madhya pradesh) की सड़कों पर इस वक़्त करीब 10 लाख बेसहारा गाय भटक रही हैं. सरकार इनकी देखभाल के लिए नयी मुहिम शुरू कर रही है. स्मार्ट गौशालाएं (smart cowshed) बनने में अभी वक़्त है. इसलिए उससे पहले सामान्य गौशालाएं बनायी जा रही हैं. इनमें सड़क पर आवारा घूम रहे पशुधन (Stray animal) को शिफ्ट किया जाएगा. सरकार गायों की चिंता तो कर रही है, लेकिन उस रफ़्तार से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. बजट की कमी इसमें सबसे बड़ी बाधा है.

पिछले साल विधानसभा चुनाव के समय से राजनीति के केंद्र में रही गायों के लिए अब कांग्रेस सरकार का नया प्लान है.सड़कों पर घूमने वाली गायों को सरकार सुरक्षा देने जा रही है.स्मार्ट गौ शालाएं बनाने से पहले अब सरकार सड़कों पर घूमने वाली निराश्रित गायों को सामान्य गौशालाओं में शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है.अब सड़कों पर गाय ना तो बैठी दिखेंगी और ना ही घूमती मिलेंगी.गायों के लिए सरकार स्मार्ट गौशालाओं से पहले सुरक्षित आशियाने तैयार कर रही है.

अपने चुनावी वादे के मुताबिक कांग्रेस ने सत्ता में आते ही गायों के लिए स्मार्ट गौशाला का प्लान तैयार किया था. उस पर काम शुरू भी हो चुका है.प्रदेश भर में 300 स्मार्ट गौशालाएं बनायी जाएंगी. लेकिन गौशाला तैयार होने में अभी वक़्त है. इन गौशालाओं के निर्माण में बजट की कमी बाधा बन रही है.

प्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव के मुताबिक, प्रदेश भर में सर्वे में 10 लाख से ज्यादा निराश्रित गाय हैं. इनके लिए गौशालाएं तैयार की जा रही हैं.आने वाले दो साल में इन सभी 10लाख निराश्रित गायों को इन गौशालाओं में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

सरकार के प्लान पर बीजेपी का कहना है कमलनाथ सरकार को सत्ता में आए 11 महीने हो गए हैं. इतने लंबे समय में प्रदेश में एक सामान्य गौशाला तक नहीं बन पाई है. 23 पंचायतों में एक भी गौशाला नहीं है. स्मार्ट गौशाला तो कब बनेगी, और बनेगी भी कि नहीं, क्या कहा जा सकता है. बीजेपी ने कहा-गायों के लिए अनुदान तक तो मिल नहीं पा रहा है.ऐसे हालात में उन्हें शिफ्ट करना तो दूर पहले खान-पान मिल जाए, यही बड़ी चुनौती है.

सत्ता में आते ही सीएम कमलनाथ ने अफसरों को सबसे पहली हिदायत यही दी थी कि सड़कों पर गाय बैठी नहीं दिखनी चाहिए. गाय की रक्षा करना पहली ज़िम्मेदारी है. वादे के मुताबिक सरकार अब गायों की चिंता तो कर रही है, लेकिन उस रफ़्तार से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *