पहली बार होगा व्यापारियों से ठगाए किसानों को मंडी निधि से भुगतान

देवास 
देवास मंडी में भगोड़े व्यापारियों से ठगाए किसानों को उनकी उपज का भुगतान मंडी निधि से करने की विशेष अनुमति सरकार ने दे दी है। प्रदेश में पहली बार ऐसा होगा, जब मंडी निधि से किसानों की उपज का भुगतान किया जाएगा। इसकी पुष्टि मंडी बोर्ड के एमडी (प्रबंध संचालक) फैज अहमद किदवई ने की है। कृषि मंत्री सचिन यादव के अनुमोदन के बाद देवास मंडी के लिए विशेष अनुमति दी गई है। किसानों के बकाया 1.39 करोड़ रुपए मंडी निधि से चुकाने की अनुमति प्रदान की गई है।
 
हालांकि यह आदेश मंडी अधिनियम के उन नियमों में बदलाव नहीं है, जिसके तहत ऐसे प्रकरणों में व्यापारियों की जमा प्रतिभूति, उसकी संपत्ति व माल को बेचकर उससे मिलने वाली राशि से किसानों का भुगतान करना होता है। आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि यह अन्य मंडियों के ऐसे प्रकरणों में यह अनुमति उदाहरण के रूप में मान्य नहीं होगी। मंडी निधि से किसानों काे भुगतान के लिए जो राशि निकाली जाएगी, उसकी भरपाई भगोड़े व्यापारियों की संपत्ति व उपज बेचने पर मिलने वाली राशि से की जाएगी। यदि इसके बाद भी भुगतान व भरपाई की राशि में अंतर रहा, तो जिनकी वजह से व्यापारी भागे उन कर्मचारियों से यह राशि अनुपातिक रूप से उनके स्वत्वों से वसूल की जाएगी।

सोमेश्वर ट्रेडर्स के शिकार 85 किसानों का 97.10 लाख रुपए का भुगतान बकाया था। बाद में व्यापारी की प्रतिभूति राशि और जब्त उपज बेचकर कुछ भुगतान किया गया था। इसके बाद 79 लाख रुपए इस फर्म के बकाया हैं। दूसरी फर्म कंचन श्री ट्रेडर्स के 60 लाख रुपए बकाया है। ये किसान पिछले डेढ़ महीने से अपने पैसे के लिए मंडी में चक्कर लगा रहे हैं। विवाद, चक्काजाम, तालाबंदी, प्रदर्शन के बाद भी आश्वासन ही मिले रहे थे। आचार संहिता हटी तो फैसला हो पाया। इन किसानों को मिलेगा भुगतान

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