3 साल में 50% भी नहीं बन पाई 50 KM सड़क, 205 करोड़ की लागत का ये काम बना मुसीबत

कवर्धा
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कवर्धा (Kawardha) में चिल्फी से साल्हेवारा तक बनने वाली सड़क (Road) का निर्माण बेहद धीमी गति से चल रहा है. लगभग 50 किलोमीटर की सड़का का निर्माण 205 करोड़ की लागत से हो रहा है. तीन साल से ये सड़क बन रही है, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोग धूल से परेशान हैं. बारिश में कीचड़ से रास्ता खराब हो जाता है. सड़क का काम पचास प्रतिशत भी नहीं हो सका है. ग्रामीण क्षेत्र में सड़क निर्माण के नाम पर खोदाई की गई है, पर निर्माण कार्य पूरा न होने के चलते लोगों को सुविधा की जगह असुविधा का सामाना करना पड़ रहा है.

कवर्धा के लोगों ने मांग की है कि सड़क का निर्माण जल्द से जल्द पूरा हो. क्योंकि आधे-अधूरे निर्माण से सड़क किनारे का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. दुकान में धूल भर जाती है. ग्राहक खड़ा होना नहीं चाहते. सड़क किनारे के घर रोज धूल का स्नान कर रहा है. स्थानिय निवासी आदित्य तिवारी का कहना है कि सड़क निर्माण कार्य बीजेपी सरकार के समय से काम शुरू हुआ था, जो समय पर पूरा नहीं हो सका. सरकार बदलने के बाद तेजी की उम्मीद थी. लेकिन बाद में भी कोई प्रगति नहीं दिख रही है. इससे तो पहले का सकरा सड़क ही अच्छा था. कम से कम धूल तो नहीं उड़ती थी.

व्यापारी गोविंदलाल ने बताया कि सड़क निर्माण में देरी से लोग परेशान तो है हीं. व्यापारी वर्ग भी खासे परेशान हैं. सड़क किनारे दुकान लगाने वालों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. सामान बाहर नहीं निकाल पा रहे. दुकानों में धूल भर रहा है, उनके ऊपर भी दिनभर धूल का गुबार आता है. गाड़िया चलती है. तेज  हवा चलती है. कई दिन तो दुकान में बैठना मुश्किल हो जाता है.

सड़क निर्माण में देरी हो रही ये बात जिला प्रशासन भी मान रहा है. पर क्यों इस पर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण की अपनी दलील है. उनका कहना है कि मामला हाई कोर्ट में लंबित था. फॉरेस्ट एरिया का भी इशू होने के चलते देरी हुई है. पूर्व ठेकेदार के द्वारा कार्य में देरी व लापरवाही बरतने के चलते टेंडर निरस्त कर दिया गया है. नए सिरे से टेंडर निकालकर निर्माण कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा.

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