22 मंत्रियों के इलाके में ऐसी हारी कांग्रेस कि अब बीजेपी को है CM के एक्शन का इंतज़ार

भोपाल 
मोदी की सुनामी में देश के कई राजनैतिक किले ढ़ह गए.बात मध्यप्रदेश की करें तो 5 महीने पहले सत्ता में आयी कांग्रेस के 22 मंत्रियों के इलाकों में ही पार्टी हार गयी. सबसे बुरी हार प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भानोट के विधान सभा क्षेत्र पश्चिम जबलपुर में हुई. प्रदेश में सिर्फ 6 मंत्री ही कांग्रेस की लाज बचा सके.

मुख्यमंत्री कमलनाथ की सेना लोकसभा चुनाव की रणभूमि में बुरी तरह परास्त हुई. 22 कैबिनेट मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा. जिन क्षेत्रों में 5 माह पहले कांग्रेस को जनादेश मिला वहां की सियासी आवोहवा मानो पूर्व से पष्चिम हो चली.

इनके अलावा मंत्री विजयलक्षमी साधौ, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ गोविंद सिंह, बाला बच्चन, पी सी शर्मा, बृजेन्द्र सिंह राठौर, प्रदीप जयसवाल, गोविंद सिंह राजपूत, सुखदेव पांसे, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, कमलेश्लर पटेल, लखन घनघोरिया, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, प्रदुम्न सिंह तोमर, सचिन यादव के विधानसभा क्षेत्रों में भी कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई.

कैबिनेट मंत्रियों के गढ में मिली हार को कांग्रेस अपनी चूक मानती है. वो मान रही है कि वो अपने विकास कार्यों को नहीं भुना पायी. पार्टी प्रदेश सचिव सौरभ शर्मा के मुताबिक राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़े गए इस चुनाव में कांग्रेस इससे दूर रही

भाजपा अब कांग्रेस के उन मंत्रियों के इस्तीफे के इंतज़ार में है जहां से कांग्रेस को करारी हार मिली है. लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ के अल्टीमेटम को भाजपा अब याद कर रही है. कमलनाथ ने मंत्रियों को चेतावनी दी थी उनके इलाके से कांग्रेस हारना नहीं चाहिए.

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