21वीं सदी में पर्यावरण संरक्षण के लिये अब सार्थक काम करने की जरूरत

भोपाल

पर्यावरण एवं लोक निर्माण मंत्री  सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि 21वीं सदी में अब पर्यावरण संरक्षण के लिये बात करने से ज्यादा जरूरत सार्थक काम करने की है। उन्होंने कहा कि अब देश में सिंगल प्लास्टिक के कम से कम उपयोग के लिए जन आन्दोलन छेड़ने का समय आ गया है। इस आंदोलन को तभी सार्थक रूप दिया जा सकता है, जब इसमें अधिक से अधिक जन भागीदारी हो और लोग संकल्प के साथ इस आंदोलन से जुड़ें। पर्यावरण मंत्री  वर्मा आज भोपाल के मिन्टो हॉल में राज्य पर्यावरण पुरस्कार समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मंत्री  वर्मा ने इस मौके पर 6 श्रेणियों में श्रेष्ठ कार्य करने वालों को पुरस्कृत भी किया।

पर्यावरण मंत्री  वर्मा ने हाल ही में यूएन एसेम्बली में स्वीडन की किशोरी छात्रा ग्रेटा थनबर्ग के भाषण का उल्लेख किया और कहा कि पर्यावरण की इस देवी ने अपनी स्पीच से लोगों की आंखें खोल दी हैं। इस किशोरी ने अपने भाषण के माध्यम से दूषित पर्यावरण से दुनिया को तेजी से पहुँच रहे नुकसान का मार्मिक चित्रण किया। मंत्री  वर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी सिंगल यूज प्लास्टिक के कम से कम उपयोग पर ठोस कार्य-योजना बनाकर तेजी से कार्यवाही की जायेगी। थर्मल पॉवर स्टेशन से निकलने वाली फ्लाई ऐश की चर्चा करते हुए मंत्री  वर्मा ने कहा कि इसका उपयोग कर इससे रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा किये जायेंगे। उन्होंने प्रदेश के उद्योगपतियों से अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फन्ड का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में करने का आग्रह किया।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पर्यावरण एवं लोक निर्माण  मलय वास्तव ने कहा कि प्लास्टिक के ऐसे विकल्प को सामने लाना चाहिए जो सस्ता हो। उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में 6 श्रेणियों में दिये जाने वाले पुरस्कारों की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये समाज में नई-नई तकनीक एवं पर्यावरण अनुकूल सामग्री की खोज हो रही है। उन्हें भी पुरस्कृत किया जा सकता है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव  आर.एस. कोरी ने स्वागत-भाषण दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पर्यावरण पुरस्कार देने की शुरूआत वर्ष 1999 से की गई थी। मध्यप्रदेश की गिनती प्लास्टिक अपशिष्ट का बेहतर प्रबंधन करने वाले राज्यों में की जाती है। प्रदेश में प्लास्टिक का उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट उद्योग में किया जा रहा है।

कार्यक्रम में अधीक्षण यंत्री डॉ. एम.एल पटेल ने सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध की चरणबद्ध कार्यायोजना की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण के क्षेत्र में जिन्हें पुरस्कृत किया गया उनमें अत्यन्त प्रदूषणकारी उद्योगों में मेसर्स ट्राईजेंट लि. बुधनी, सामान्य प्रदूषणकारी उद्योग में. रेडिसन ब्लू होटल इंदौर, लघु प्रदूषणकारी उद्योग में मूंदड़ा स्टील रि-रोलिंग मिल, इंदौर, खनिज उद्योग में फॉरचून स्टोन लि. छतरपुर, नगर-पालिका निगम, जबलपुर तथा नगर पालिका परिषद, नागदा शामिल हैं।

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