अयोध्या केसः SC में मुस्लिम पक्षकारों का यू-टर्न, राम चबूतरे को राम का जन्मस्थान नहीं मानते
नई दिल्ली
अयोध्या मामले की सुनवाई में बुधवार को मुस्लिम पक्ष ने अपने बयान से यू-टर्न मार लिया है। मंगलवार (30वें दिन) की सुनवाई में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने माना था कि राम अयोध्या में जन्मे थे, लेकिन 31वें दिन की सुनवाई में वकील ने कहा उन्होंने कतई ऐसा स्वीकार नहीं किया था। बुधवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से वकील जफरयाब जिलानी ने अपनी दलीलें शुरू कीं। (30वें दिन की सुनवाई यहां पढ़ें)
जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने यह कतई स्वीकार नहीं किया है कि राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है।
वह बोले, 'हमारा कहना यह है कि यह हिंदुओं का विश्वास है और जिला जज की इस मामले में ऑब्जरवेशन के बाद हमने इस संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाया। जज ने कहा था कि ये राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है। हमने कभी अपनी ओर से नहीं कहा कि ये जन्मस्थान है।' सुप्रीम कोर्ट में जिलानी ने हाई कोर्ट के फैसले में गजेटियर रिपोर्ट के संदर्भ में पढ़ते हुए कहा कि गजेटियर रिपोर्ट लोगों के उस विश्वास को सपोर्ट नहीं करती, जिसके तहत वे ये मानते हैं कि विवादित स्थल पर मंदिर था।
जिलानी ने आगे कहा कि कल (मंगलवार) हमने यह नहीं कहा कि 'राम चबूतरा जन्मस्थान है' हमने कहा था कि 1886 में फैजाबाद कोर्ट के जज ने कहा था कि 'राम चबूतरा' भगवान राम का जन्मस्थान है। हमने उस फैसले को कभी चुनौती नहीं दी। हमने अपनी ओर से नहीं कहा कि ये जन्मस्थान है।
बता दें कि मंगलवार को सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि राम चबूतरा को जन्मस्थान मानने में हर्ज नहीं क्योंकि कोर्ट तीन बार कह चुका है। आगे कहा गया था कि विवाद सिर्फ जगह को लेकर है।