2025 तक बाजार में उपलब्ध होंगी ई-सिम आधारित 2 अरब डिवाइसेज

नई दिल्ली
2025 तक बाजार में ई-सिम आधारित डिवाइसेज की संख्या करीब 2 अरब पहुंचने की उम्मीद है। 2018 में ई-सिम बेस्ड डिवाइसेज की संख्या 364 मिलियन थी। काउंटरपॉइंट रिसर्च की एक नई रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी सामने आई है। काउंटरपॉइंट की 'Emerging Technology Opportunities Service' रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा मुख्यतः स्मार्टफोन्स और एंटरप्राइज इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइसेज की वजह से होगा।

इसके साथ ही 2025 तक ज्यादातर ई-सिम बेस्ड डिवाइसेज में एक हार्डवेयर चिप-बेस्ड ईसिम सलूशन भी होगा। इसके बाद इंटिग्रेटेड सिम-बेस्ड सलूशन में बढ़ोतरी होगी।

काउंटपॉइंट रिसर्च के रिसर्च ऐनालिस्ट सत्यजीत सिन्हा ने एक बयान में कहा, 'ई-सिम के बढ़ावे से क्रान्तिकारी बदलाव होंगे और यह देखना होगा कि किस तरह डिवाइसेज में कनेक्टिविटी ऐक्टिवेट और मैनेज होगी। ई-सिम के कॉम्पैक्ट फॉर्म फैक्टर के चलते डिवाइस निर्माताओं को डिवाइसेज में कम ज्यादा जगह मिलती है। इसके अलावा ज्यादा सिक्यॉरिटी, री-प्रोग्रैमेबालिटी और बैटरी बचत जैसी चीजें भी ऑफर होती है जो ट्रडिशन सिम कार्ड ऑफर नहीं करते।'

सिन्हा का कहना है, 'ऑपरेटर्स के लिए ई-सिम काफी हद तक सिम डिस्ट्रीब्यूशन और ऐक्टिवेश कॉस्ट कम करती है और इसमें ज्यादा रोमिंग रेवेन्यू जेनरेट करने की क्षमता है। ग्राहकों और एंटरप्राइजेज की बात करें तो यह कई बड़े फायदे ऑफर करती है और वे अपनी डिवाइस पर इसे ऐक्टिवेट, कनेक्ट और कनेक्टिविटी मैनेज कर सकते हैं।'

बड़ी कंपनियों जैसे ऐपल और गूगल द्वारा स्मार्टफोन में ई-सिम देने के बाद से इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

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