15 साल से हरसूद के भूखंडों के मालिकाना हक के लिए संघर्ष कर रहे विस्थापित
हरसूद
इंदिरा सागर बांध परियोजना अंतर्गत बसाए गए सबसे बड़े पुनर्वास स्थल हरसूद के विस्थापितों के सामने आवासीय भूखंडों के मामले में नवागत एसडीएम अशोक जाधव ने नया पेंच डाल दिया हैं। पिछले दिनों लंबित पट्टों की रजिस्ट्री और फौती नामांतरण के आवेदन लेकर पहुंचे विस्थापितों को एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि पट्टो की रजिस्ट्री पर शासन नीतिगत निर्णय लेगा। विस्थापितों ने पूर्व में हुए पट्टों के रजिस्ट्रीकरण का हवाला दिया। तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा पूर्व में पट्टों का रजिस्ट्रीकरण गलत हुआ है । इसी तरह फौती नामतरण मामले में उन्होंने खुलासा किया कि इस पर एनएसडीसी की रोक लगी हुई है। पुनर्वास स्थल के आवासीय भूखंडों को लेकर प्रशासन के इस कदम से विस्थापित अचरज में है।
एनएचडीसी द्वारा फौती नामंत्रण पर रोक का हवाला दियाझ्रझ्रआवासीय भूखंडों का आवंटन 2004 -05 में किया गया। आवंटन में भूखंड स्वामी परिवार के मुखिया रहे हैं। इसमें 2300 से ज्यादा भूखंडों में से करीब 400 मामले को फौती नामतरण व बंटवारे के हैं। गत दिनों 6 नंबर सेक्टर निवासी बहादुर पिता सुंदरलाल ने भूखंड क्रमांक बी 41 के 1500 फीट के फौती नामंत्रण लिए एसडीएम यादव को आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन देकर एसडीएम अशोक जाधव ने आवेदक को स्पष्ट कर दिया कि फौती नामांतरण पर एनएचडीसी ने रोक लगा रखी है। फिलहाल कोई नामातंरण नहीं होगा।
अब तक क्या हुआ झ्रझ्र पट्टों की पंजीयन प्रक्रिया प्रारंभ होते समय प्रशासन ने विस्थापितों के फौजी नामंत्रण या बंटवारे में यह प्रक्रिया अपनाई कि अविवादित मामले तहसीलदार हरसूद निराकृत करेंगे। जबकि विवादित मामले की सुनवाई कलेक्टर खंडवा करेंगे। फौती नामातंरण में सेक्टर नंबर 5 निवासी पंकज पिता बसंत कुमार, अशोक पिता गायत्री प्रसाद फौती नामातंरण के लिए तहसील में नवंबर 2017 में आवेदन किया। निराकरण न होने की दशा में सीएम हेल्पलाइन पर गुहार लगाई । मई 2018 में सेक्टर 5 मे जगमोहन पिता राजकिशोर के नामित भूखंड बी – 140 का फौती नामातंरण हो चुका हैं।
भूखंडों को लेकर सरकार ने कैबिनेट व गजट में लिया निर्णय झ्रझ्रएसडीएम अशोक जाधव सरदार सरोवर और महेश्वर परियोजना में भू अर्जन अधिकारी रह चुके हैं। वहां के विस्थापितों को आवंटित भूखंडों में अपनाई गई प्रक्रिया को इंदिरा सागर के हरसूद से जोड़कर देख रहे हैं। जबकि हरसूद के विस्थापितों को आवंटित आवासीय.भूखंडों को लेकर शासन द्वारा पहले कैबिनेट व घजट में निर्णय लिया जा चुका हैं। एसडीएम द्वारा अपनाई प्रक्रिया से पुनर्वास स्थल के विस्थापितों मे संयम की स्थिति निर्मित हो चुकी है। समझ नहीं पा रहे हैं कि सही और गलत क्या है ।
इनका कहना
मैं भू- अर्जुन अधिकारी रहा हूं। प्रभावित विस्थापन आदि को भलीभांति समझता हूं। भूखंडों के पंजीयन पर शासन स्तर पर नीतिगत निर्णय होगा। इसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
अशोक जाधव एसडीएम हरसूद