ज्यादा उम्र में टर्म प्लान लेना घाटे का सौदा

 नई दिल्ली
 
टर्म प्लान जीवन बीमा का सबसे सस्ता और प्रचलित विकल्प बन गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश की तरह बीमा भी जितनी जल्दी शुरू करें, उतना बेहतर है। उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य के जोखिम को देखते हुए इसका प्रीमियम बढ़ता जाता है और फायदे घटते जाते हैं। कम उम्र में बीमा पर दावे की संभावना कम होती है, ऐसे में कंपनी प्रीमियम कम रखती हैं। कम से कम नौकरी या कामकाज शुरू करते ही इस सुरक्षा कवच को अपना लेना चाहिए। ध्यान रखें कि जीवन बीमा आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, इसमें निवेश और रिटर्न की उम्मीद न करें। पेश है एक रिपोर्ट… 

अनहोनी पर परिवार की आर्थिक सुरक्षा
टर्म प्लान बीमाधारक की मृत्यु होने पर उसके परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने का विकल्प है। जल्दी पॉलिसी शुरू करने पर आप सस्ते प्रीमियम के साथ मनमुताबिक कवर पा सकते हैं। जैसे धूम्रपान न करने वाले किसी शख्स के लिए 30 साल के व्यक्ति के लिए जीवन बीमा पॉलिसी (जिसकी बीमित राशि एक करोड़ और कवर 70 साल तक हो) का प्रीमियम 8500 से 12 हजार रुपये के बीच पड़ता है। जबकि 40 साल का व्यक्ति अगर यह पॉलिसी लेता है तो प्रीमियम 14,500 से 19 हजार रुपये के बीच पड़ता है। कम उम्र में प्लान लेने पर किसी मेडिकल टेस्ट की भी जरूरत नहीं होती।

जितनी देर करेंगे, प्रीमियम उतना ज्यादा बढ़ेगा
पॉलिसीबाजार के टर्म लाइफ इंश्योरेंस हेड अक्षय वैद्या का कहना है कि कामकाजी व्यक्ति परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए एजुकेशन लोन, होम लोन या अन्य प्रकार की जिम्मेदारियां लेते हैं। ऐसे में टर्म इंश्योरेंस कोई अनहोनी होने पर परिवार पर आने उन देनदारियों को चुकाने में मदद करता है। उम्र बढ़ने के साथ प्रीमियम ज्यादा होता जाता है। इसलिए समय रहते टर्म प्लान खरीदना सबसे अच्छा कदम माना जाता है। आप 10-35 साल के लिए भी टर्म प्लान ले सकते हैं।

जरूरतों के हिसाब के कवर तय करें
इंश्योरेंस लेने से पहले गणना करें कि आप पर निर्भर लोगों के लिए कितने कवरेज की जरूरत होगी। बीमित राशि सालाना आय और देनदारियों का 10 से 20 गुना तक होनी चाहिए। आपकी सालाना आय पांच लाख रुपये है और आप पर 20 लाख रुपये का कर्ज है तो कम से कम एक करोड़ रुपये तक का कवर लेना होगा। अपनी नौकरी, कारोबार के जोखिम के हिसाब से भी बीमा की राशि चुन सकते हैं।

टर्म प्लान की अवधि भी महत्वपूर्ण
वैसे तो टर्म प्लान सौ साल तक की उम्र तक उपलब्ध है, लेकिन कम से कम आपको कामकाजी उम्र यानी रिटायरमेंट की उम्र तक के लिए यह प्लान जरूर लेना चाहिए। आप 25 साल के हैं और आगे 60 साल की उम्र तक काम करना चाहते हैं तो कम से कम 35 साल के लिए यह पॉलिसी लेना बेहतर होगा।

सस्ता प्रीमियम नहीं, कवरेज अहम
टर्म प्लान लेने से पहले बीमा कंपनियों की योजनाओं के बारे में पता कर लें। वह प्लान चुनें जो सबसे कम प्रीमियम पर सबसे ज्यादा कवरेज दे रहा हो। कुछ कंपनियां दुर्घटना के मामले में प्रीमियम में छूट, नौकरी की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त राइडर्स का ऑफर देते हैं। टर्म प्लान लेने से पहले बीमित कंपनी की साख भी जरूर देखें। यह भी पता करें कि उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो यानी दावों के निपटारे का अनुपात क्या है। इरडा की वेबसाइट या अन्य स्रोतों से पता करें कि उसने पिछले एक साल में कितने प्रतिशत दावों का निपटारा किया। 95 फीसदी के करीब क्लेम रेश्यो वाली कंपनी को आप टर्म प्लान खरीदने के हिसाब से भरोसेमंद मान सकते हैं। अगर बीमा कंपनी सेवा शर्तों की पर्याप्त जानकारी नहीं देती हैं तो उससे प्लान न लें।

* 18 साल की उम्र मे प्लान लेना सबसे सस्ता, कम से कम 30 साल का टर्म प्लान लें इस उम्र में।
* 05 सौ रुपये के करीब मासिक प्रीमियम से शुरू होता है टर्म प्लान ज्यादातर बीमा कंपनियों का। 
* 10 से 20 गुना हो टर्म प्लान की बीमित राशि सालाना वेतन के।

ये छह बातें अहम
1. बीमा निवेश का साधन नहीं
बीमा निवेश या बचत का साधन नहीं है। ऐसे में टर्म प्लान में किसी रिटर्न का लालच न करें तो बेहतर है। सिर्फ बीमाधारक की मौत होने पर रकम मिलती है। कुछ प्लान में गंभीर बीमारी, दुर्घटना या विकलांगता पर भी लाभ मिलता है।

2. आयकर छूट मिलेगी
80सी और धारा 10(10)डी के तहत टैक्स छूट का प्रावधान है। हालांकि केवल कर छूट की सोचकर इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए। इसका पहला उद्देश्य अपने परिवार को वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराना होना चाहिए।

3. नॉमिनी का ब्योरा दें
टर्म प्लान में नॉमिनी की जानकारी जरूर देनी चाहिए। ध्यान रखें कि उसकी जानकारी पूरी और सही भी होनी चाहिए। साथ ही नॉमिनी को भी टर्म प्लान के बारे में बताना चाहिए ताकि किसी अनहोनी पर क्लेम में देरी न हो।

4. सालाना भुगतान करना बेहतर
मासिक,तिमाही, छमाही व सालाना प्रीमियम का विकल्प होता है। प्रीमियम का एक हिस्सा देने का भी विकल्प होता है। मासिक या तिमाही किस्त में कुछ पैसा बढ़ सकता है, क्योंकि ऐसे में पॉलिसी लैप्स होने की आशंका ज्यादा रहती है।

5. मेडिकल चेकअप समझदारी
बीमा लेने के पहले मेडिकल चेकअप कराना समझदारी है, इससे मौजूदा समय में किसी बीमारी का पता चल जाता है। इससे प्रीमियम में छूट मिल सकती है। ऐसे में क्लेम खारिज होने की आशंका बेहद कम हो जाती है।

6. रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान
टर्म प्लान में भी रिटर्न चाहने वालों के लिए रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान है। इसमें परिपक्वता पर मूलधन बिना किसी ब्याज के वापस कर दिया जाता है। इसमें प्रीमियम का कुछ पैसा निवेश होता है। यह सिर्फ टर्म प्लान से महंगा होता है।

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