हुवावे के कर्मचारियों ने चीन की सेना के साथ रिसर्च प्रॉजेक्ट्स पर काम कियाः रिपोर्ट
नई दिल्ली
जासूसी के आरोप के बाद अमेरिका में प्रतिबंधों का सामना कर रही चीनी कंपनी हुवावे को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। ब्लूमबर्ग की गुरुवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हुवावे टेक्नॉलजीज कंपनी के कर्मचारियों ने बीते एक दशक के दौरान चीनी सशस्त्र सेना के साथ मिलकर कम से कम 10 रिसर्च प्रॉजेक्ट्स पर काम किया है। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि उसे इस आशय की जानकारी नहीं है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हुवावे के कर्मचारियों ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सदस्यों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर रेडियो कम्युनिकेशंस प्रॉजेक्ट्स पर काम किया।
हुवावे के प्रवक्ता जो केली ने कहा, 'हुवावे को इस बात की जानकारी नहीं है कि उसके कर्मचारी व्यक्तिगत तौर पर रिसर्च पेपर निकाल रहे हैं। कंपनी का पीएलए से संबद्ध किसी भी संस्थान से कोई भी शोध और विकास सहयोग या साझेदारी नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'हुवावे केवल उन्हीं संचार उत्पादों का निर्माण और विकास करती है, जो दुनियाभर में असैन्य इस्तेमाल में आता है और यह सेना के लिए न तो किसी उत्पाद का निर्माण करती है और न ही विकास।'
दरअसल, अमेरिका ने आरोप लगाया है कि हुवावे के राउटर्स, स्विचेज और अन्य गियर में मौजूद 'बैक डोर्स' की मदद से चीन अमेरिकी संचार उपकरणों की जासूसी करने में सक्षम हो सकता है। अमेरिका के इस आरोप के बाद हुवावे की भारी फजीहत हो रही है और वॉशिंगटन ने उसके उपकरणों के इस्तेमाल पर पाबंदी तक लगा दी है। हालांकि, कंपनी ने इस बात से इनकार किया है कि उसके उपकरण सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
अमेरिकी सरकार ने पिछले महीने अपनी सभी एजेंसियों को हुवावे से दूरसंचार उपकरणों की खरीद पर पाबंदी लगा दी और अमेरिकी कंपनियों को हुवावे के साथ बिजनस करने पर भी सख्त पाबंदी लगा दी।
ब्लूमबर्ग ने कहा है कि रिसर्च प्रॉजेक्ट्स कुछ सार्वजनिक रूप से जारी अध्ययनों का हिस्सा है। साथ ही यह भी कहा कि उसने पेपर्स प्रकाशित पीरियॉडिकल्स और ऑनलाइन रिसर्च डेटाबेस से जुटाए हैं, जिनका इस्तेमाल मूलतः चीनी शिक्षाविद् और उद्योग के विशेषज्ञ करते हैं।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने रॉयटर्स से कहा है कि मंत्रालय अकादमिक रिसर्च पर कोई टिप्पणी नहीं करता है। उन्होंने कहा, 'सबको पता है कि हुवावे निजी क्षेत्र की कंपनी है, जो खुद से नियंत्रित होती है। उसकी कोई तथाकथित सैन्य पृष्ठभूमि नहीं है।'