हालात पर पैनी नजर, कश्मीर में सेना हाई अलर्ट

नई दिल्ली 
कश्मीर में भाजपानीत केंद्र सरकार का एजेंडा लागू होने के अंदेशा की वजह से पाकिस्तान की जमीन से घाटी में अस्थिरता फैलाने की साजिश तेज हो गई है। इसके चलते ही सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों को हर स्तर पर अलर्ट किया गया है। वहीं, एसपीओ का मानदेय बढ़ाकर स्थानीय स्तर पर लोगों को जोड़ने और भरोसा जीतने का प्रयास भी केंद्र की ओर से हो रहा है। 

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की शह पर आतंकी गुट व अलगाववादी ऐसा महौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे कश्मीर में केंद्र का बहुसूत्रीय एजेंडा गिर जाए। माना जा रहा है कि कश्मीर में सरकार की तरफ से कुछ ठोस कदम उठाने को लेकर घाटी में तरह तरह की अटकलें हैं। एक के बाद एक नई एडवाइजरी से अटकलों को बल मिला है। जानकार भी इसे सामान्य स्थिति मानने से इंकार कर रहे हैं। कश्मीर मामले के जानकार कपिल कॉक ने कहा,  कुछ तो ऐसा है जिसकी योजना केंद्रीय स्तर पर बन रही है।

कई तरह की अटकलों से माहौल गरम : 
कश्मीर की हर पंचायत में 15 अगस्त को झंडा फहराने से लेकर, धारा 35 ए, 370 और परिसीमन जैसे मुद्दों पर सरकार के रुख को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कपिल कॉक ने कहा कि क्या होगा कहना मुश्किल है लेकिन जिस तरह से सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि हथियारों की बरामदगी भर से इस तरह के फैसले नहीं होते। उन्होंने कहा या तो सरकार के पास पाकिस्तान की जमीन से किसी बड़ी हरकत को लेकर कोई पुख्ता जानकारी है। या फिर वे कुछ ठोस निर्णय लेने जा रहे हों। लेकिन जिस तरह की स्थिति है उसमें कुछ भी सटीक कह पाना संभव नहीं है।

बहुसूत्रीय एजेंडा का संकेत :
सूत्रों ने कहा कि कश्मीर में सरकार अपना बहु सूत्रीय एजेंडा लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है। गृहमंत्री अमित शाह खुद इसका स्पष्ट संकेत दे चुके हैं। लेकिन कश्मीर में चुनाव से पहले वहां कुछ होगा इसे लेकर अलग अलग राय सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों को आर-पार की लड़ाई का स्पष्ट संदेश देने के अलावा यह भी कहा गया है कि वे पाकिस्तान की तरफ से किसी भी तरह की घुसपैठ को लेकर सतर्क रहें। 

कहीं यह पाक की साजिश तो नहीं 
सूत्रों का कहना है कि यह भी संभव है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से इमरान खान की मुलाकात के बाद पाक एजेंसियां कश्मीर में अस्थिरता फैलाकर फिर से विदेशी दखल की मांग को तूल देना चाहती हों। यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि कश्मीर का माहौल बिगाड़कर यह संदेश देने का प्रयास भी अलगाववादी गुट कर रहे हों जिससे सरकार धारा 35 ए हटाने सहित अन्य एजेंडा लागू करने पर विचार न करे। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा, आम लोगों में दहशत फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही हे। खुफिया एजेंसियों के पुख्ता इनपुट के आधार पर केंद्र सरकार ने घाटी में सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए हैं।

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