हाफिज के संगठनों पर बैन, पाकिस्तान को सता रहा ब्लैकलिस्ट होने का डर 

इस्लामाबाद
सरहद पर तनाव और चौतरफा दबाव के बीच पाकिस्तान सरकार द्वारा 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा और इसकी शाखा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) के खिलाफ सख्त ऐक्शन के पीछे एक बड़े अधिकारी की चेतावनी मानी जा रही है। फाइनैंस डिविजन के फेडरल सेक्रटरी आरिफ अहमद खान ने कहा है कि यदि पेरिस स्थित फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सिफारिशों पर अमल नहीं किया जाता है तो भविष्य में पाकिस्तान को कड़े अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। 
एफएटीएफ ने पिछले साल पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में डाल दिया था। हाल ही में हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा पर बैन लगाने के बावजूद फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में बरकरार रखा था। एफएटीएफ ने कहा था कि अक्टूबर, 2019 तक यदि पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। 

जून में होनी है अहम मीटिंग 
फाइनैंस डिविजन के फेडरल सेक्रटरी आरिफ अहमद खान ने पत्रकारों से कहा, 'यदि एफएटीएफ की सिफारिशों पर अमल नहीं किया जाता है तो पाकिस्तान को कड़े अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों का सामना करना पड़ सकता है। हाफिज के संगठनों पर बैन हमारी इसी दिशा में सकारात्मक कदम है।' 

किसी भी देश को ग्रे लिस्ट में डाल दिए जाने के बाद उसकी आर्थिक हालत पर वैश्विक पैनी नजर रखी जाती है। एफएटीएफ इसी साल जून में पाकिस्तान की प्रोग्रेस रिपोर्ट का आकलन करेगा। इसके बाद जून में दोनों पक्षों के बीच एक अहम मीटिंग होनी है। यदि एफएटीएफ पाकिस्तान की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे सितंबर-अक्टूबर में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। यदि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है तो फिर उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज लेना बहुत मुश्किल हो जाएगा। 

प्रतिबंधित 70 संगठनों में जमात भी शामिल 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान सरकार ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को औपचारिक रूप से प्रतिबंधित सूची में डालकर इन संगठनों की संपत्ति को कब्जे में ले लिया है। जमात और एफआईएफ, आतंकवाद निरोधक कानून-1997 के तहत गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित 70 संगठनों में शामिल हैं। इसके तहत सरकार ने कई मदरसों और उनकी संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया। 

जानें, क्या होती है FATF की ग्रे लिस्ट 
दुनिया भर में आतंकी फाइनैंसिंग को रोकने के लिए काम करने वाली संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानूनी आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। उसने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में बरकरार रखा है। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है। आतंकवादी संगठनों को फाइनैंसिंग के तरीकों पर लगाम न कसने वाले लोगों को इस लिस्ट में डाला जाता है। 

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