रशियन गणितज्ञ के नाम है आज का गूगल डूडल, जानें कौन थीं ओल्गा लैडिज़ेनस्काया

खास मौकों को स्पेशल डूडल के जरिए सेलिब्रेट करने वाले सर्च इंजन जायंट गूगल ने आज अपना डूडल रशियन गणितज्ञ ओल्गा लैडिज़ेनस्काया पर बनाया है। पार्शियल डिफरेंशल इक्वेशंस और फ्लुइड डायनमिक्स के क्षेत्र में काम करने वाली ओल्गा के 97वें जन्मदिन पर गूगल ने यह डूडल बनाया है। ओल्गा के इक्वेशंस की मदद से ओशियनोग्रफी, एयरोडायनमिक्स और मौसम के पूर्वानुमान में मदद मिलती है। गूगल के डूडल में ओल्गा के चेहरे के साथ ही इक्वेशन और फ्लुइड डायनमिक्स को भी दर्शाया गया है।

7 मार्च 1922 को जन्मी ओल्गा लैडिज़ेनस्काया रूस के कोलोग्रिव कस्बे में रहती थीं और उनके पिता गणित के अध्यापक थे। महज आठ साल की उम्र से ही ओल्गा के पिता वे गर्मी की छुट्टियों में उन्हें गणित पढ़ाना शुरू कर दिया था, जिसके बाद उनके लिए गणनाएं आसान होती गईं। यही कारण है कि ओल्गा के सफल गणितज्ञ होने का श्रेय उनके पिता को दिया जाता है। एक बार गणित में रुझान बढ़ने के बाद ओल्गा बड़े-बड़े सवालों को आसानी से हल करने लगीं।

ओल्गा की पढ़ाई अच्छी चल रही थी, तभी सोवियत संघ की एक संस्था द्वारा 1937 में उनके पिता को गिरफ्तार किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। पिता की मौत होने के बाद ओल्गा उच्च शिक्षा के लिए लेनिनगार्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं ले सकीं। अपनी मेहनत से ओल्गा ने बाद में डॉक्टरेट थीसिस प्रस्तुत किए और डिग्री हासिल की। अपने काम के चलते उन्हें स्टेकलोव इंस्टीट्यूट में पढ़ाने और रिसर्च करने का मौका भी मिला। ओल्गा को फील्ड्स मेडल, क्लॉस रोथ और रेने थॉम जैसे पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया।

पार्शियल डिफरेंशल इक्वेशंस और फ्लुइड डायनमिक्स के क्षेत्र में ओल्गा ने विशेष योगदान दिया। वह महान गणितज्ञ इवान पेट्रोव्स्की की स्टूडेंट भी रहीं। उन्होंने नेवियर-स्टोक्स समीकरण को फाइनाइट डिफरेंस मेथड से सॉव्ल और प्रूव करने वाली ओल्गा पहली व्यक्ति हैं। गणित और फ्लुइड डायनमिक्स के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए ओल्गा को 2002 में लोमोनोसोव गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। 81 साल की उम्र में 12 जनवरी, 2004 को ओल्गा की मृत्यु हो गई। गणित के क्षेत्र में उनका योगदान आज भी सफल और सिद्ध है।

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