हाट-बाजारों में हो रहा बीमारियों का इलाज
सुकमा
मानव जीवन में स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, शासन प्रशासन के द्वारा प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदाय करने का प्रयास किया जा रहा हैं। छत्तीसगढ़ शासन के इन्हीं प्रयासों के तहत् हाट-बाजारों में डॉक्टरों की टीम पहुंचकर लोगों का विभिन्न बिमारियों का इलाज किया जा रहा हैं। जिला सुकमा में जिला प्रशासन द्वारा नवाचार के रूप में जिले के साप्ताहिक हाट-बाज़ार स्थनों में ग्रामीणों को बाज़ार के दिन बाज़ार स्थल पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए हाट-बाजार अस्पताल का संचालन किया जा रहा हैं।
साप्ताहिक हाट-बाजार अस्पतालों में जिले के तीनों विकासखण्डों के विभिन्न गांवों में लगने वाले बाज़ार के दिन मरीजों का उपचार किया जा रहा हैं। हाट-बाजार अस्पतालों में मरीजों के खून-पेशाब की जांच की भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं, जांच उपरान्त मरीजों का इलाज किया जाता हैं। बाजार में आने वाले आसपास के गांवों के लोगों को अब इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा हैं। उनके पास के गांव में लगने वाले बाजार में ही उनका इलाज हो रहा हैं।
जिले के अधिकांश ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए साप्ताहिक बाज़ार पर निर्भर रहते हैं और वे इसके लिए बाज़ार पहुंचते हैं।
शासन का मानना है कि गांव के कई लोग विभिन्न समस्याओं के चलते अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं पहुंच पाते हैं ऐसे लोगों को उनके गांव के पास ही इलाज की सुविधा दी जाए। इसी उद्देश्य से हाट-बाजारों में अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। इसके लिए शासन ने हाट-बाजारों में चिकित्सक, एएनएम, स्वास्थ्य सहायकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आवश्यक दवाईओं और चिकित्सा उपकरणों के साथ ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हाट-बाजार के दिन वहां भेजकर ग्रामीणों का इलाज करने की व्यवस्था की हैं। जिले के कलेक्टर श्री चन्दन कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हाट-बाजरों में अस्पताल का संचालन पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों को दिए हैं।
हाट-बाजार में अस्पताल की इस योजना के क्रियान्वयन के साथ-साथ स्वास्थ्य परीक्षण में पहुंचने वाले ग्रामीणों की विस्तृत जानकारी संकलित और संधारित कर इसका डाटा अद्यतन कर मरीजों के इलाज की पुख्ता व्यवस्था की जा रही हैं। उक्त हाट-बाजार अस्पताल में यदि कोई गम्भीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति इलाज हेतु पहुंचता है तो उसे तत्काल जिला अस्पताल या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में रेफर किया जाता हैं।
उल्लेखनीय है कि जिले के सुकमा विकासखण्ड के सुकमा, गादीरास, केरलापाल, सोनाकुकानार और बुड़दी, छिन्दगढ़ विकासखण्ड के तोंगपाल, पाकेला, कुकानार, रोकेल, कोडरीपाल, लेदा, छिन्दगढ़, पुसपाल में तथा कोण्टा विकासखण्ड के दोरनपाल, कोण्टा, एर्राबोर, चिन्तागुफा, किस्टाराम, चिन्तलनार, जगरगुण्डा, गोलापल्ली में साप्ताहिक बाज़ार लगते हैं इन बाजार के दिन बाजार स्थल पर मरीजों का इलाज स्वास्थ्य शिविर लगाकर किया जा रहा हैं।