हाईकोर्ट ने रद्द किया शिवराज सरकार का फैसला, फिर अवैध हो जाएंगी हज़ारों बस्तियां

ग्वालियर 
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने धारा 15A ख़त्म कर दी है. इसी के साथ प्रदेश की 4,264 कॉलोनियां अवैध हो गई हैं. प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने धारा 15A लाकर इन अवैध बस्तियों को वैध घोषित किया था.

हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा था. हाईकोर्ट ने ये आदेश उमेश बोहरे की जनहित याचिका पर दिया, जिसमें कहा गया था कि शिवराज सरकार ने धारा-15A का दुरुपयोग कर अवैध कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाया.

याचिका में कहा गया था कि सूबे की शिवराज सरकार ने 2018 में अपना वोट बैंक बनाने की नीयत से कई योजनाओं का नियम के विपरीत लाभ लेने की कोशिश की. इन्हीं में से एक के तहत प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है, जबकि इन कॉलोनियों को किसी भी नियम के तहत वैध नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ में आज उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने धारा 15A को ही निरस्‍त घोषित कर दिया.

याचिकाकर्ता ने इस मामले में प्रदेश सरकार के साथ-साथ मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (राजस्व) सहित पांच लोगों को पार्टी बनाया था. इस बीच याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में ऐसे सरकारी सर्वे नंबर पेश किए, जिन्हें नियम विरुद्ध वैध कॉलोनियों में शामिल कर दिया गया है. उन सब पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार के दौरान लाई गई धारा-15A को खत्म कर दिया.

हाईकोर्ट के आज के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश की वो सारी बस्तियां फिर से अवैध हो गई हैं, जिन्हें शिवराज सरकार ने इस धारा के तहत वैध कर दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'अवैध कॉलोनियों को बसाने के दौरान जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ भी निगम की धारा 292E के तहत कार्रवाई की जाए. उस सर्किल के डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, आरआई और अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई हो.'

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