हलालपुर में भी कई भवनों पर होगी कार्रवाई, थमाया गया आखिरी नोटिस

भोपाल
बड़ा तालाब के जलभराव क्षेत्र खानूगांव में अवैध रुप से किए गए करीब तीन दर्जन निर्माण जल्द ही तोड़े जाने की तैयारी कर ली गई है। यही नहीं हलालपुर में भी ऐसे ही निर्माण कार्यों पर भी इसी तरह की कार्रवाही प्रस्तावित है। इन सभी को नगर निगम ने आखिरी नोटिस थमा कर खुद निर्माण तोडऩे का अल्टीमेटम दिया है। इसके लिए सात दिन का समय दिया गया है। दरअसल, एनजीटी ने बड़े तालाब के फुल टैंक लेवल में लगी मुनारों से 50 मीटर के दायरे में हुए अतिक्रमण की जांच कर नगर निगम और कलेक्टर भोपाल से रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में तत्कालीन कलेक्टर सुदाम खाडे के निर्देश पर जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम ने खानूगांव, बेहटा, बोरवन, संजय नगर, भैंसाखेड़ी, लाउखेड़ी, ओल्ड डेयरी, इंद्रा नगर और इंदौर रोड के किनारे एफटीएल की मुनारों से 50 मीटर के दायरे में अतिक्रमणों को चिंहित किया था। इसमें 500 पके निर्माण मिले थे। सरकारी और निजी भूमि पर मकान, दुकान, गोदाम और कारखाने बना लिए हैं। खानूगांव में 46 पक्के निर्माण मिले हैं। यह सभी अतिक्रमण तालाब के डूब क्षेत्र में किए गए हैं। दो हजार झुग्गियां बने होने की जानकारी भी सामने आई थी। कलेक्टर ने निजी जमीन पर बने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का जिमा नगर निगम को सौंपा है। सरकारी भूमि पर काबिज लोगों को प्रशासन को हटाएगा। झुग्गियों की शिफ्टिंग के लिए जमीन तलाशी जा रही है।

नगर निगम ने पिछले महीने खानूगांव में 70 और हलालपुर में तीन लोगों को नोटिस थमा कर जमीन और निर्माण की अनुमति के दस्तावेज मांगे थे। इसके लिए 24 घंटे का समय दिया था। बताया जा रहा है ज्यादातर लोगों ने निगम को दस्तावेज नहीं दिए। ऐसे में इन इनको निर्माण तोडऩे के नोटिस दिए गए हैं।

तालाब के एफटीएल के कच्चे, पक्के निर्माण का सिलसिला बीते दो दशक से जारी है। खानूगांव में इनकी संख्या लगातार बढ़ती रही। कई रसूखदारों ने यहां इमारतें बना ली। शैक्षणिक संस्थान, मैरिज, गार्डन खोले लिए। एक विधायक का कॉलेज भी यहां बताया जा रहा है। इन निर्माणों की जांच कई बार हो चुकी है। तीन-चार पहले 50 से अधिक पक्की इमारतें को नोटिस थमाए थे पर रहवासियों के विरोध के बाद कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह इंदौर रोड पर 40 से 50 फीट तक अतिक्रमण किए गए हैं।

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