हमीदिया 10 जेपी 8 एम्स में 10 बेड कोरोना के लिए संदिग्धों के लिए रिजर्व

भोपाल
 भोपाल डरता नहीं, सीखता है सतर्क रहता है। देश के विभिन्न शहरों में कोरोना वायरस के केस सामने आने के बाद अब शहर के तीन बड़े अस्पताल हमीदिया, जेपी और एम्स अस्पताल ने इससे बचाने की तैयारी शुरू कर दी है। हमीदिया अस्पताल की नई ओपीडी बिल्डिंग में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जबकि जेपी में 8 बेड और एम्स में 10 बेड का वार्ड बनाया गया है। तीनों अस्पतालों में 24 घंटे अलग-अलग शिफ्ट में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं और मास्क उपलब्ध हैं।

जेपी और हमीदिया अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों के लिए अलग से ओपीडी बनाई गई है। पूरे प्रदेश में 349 बेड मरीजों के लिए रिजर्व किए गए हैं। अपर संचालक, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं डॉ वीणा सिन्हा के मुताबिक भोपाल समेत प्रदेश के जिला और मेडिकल कॉलेज में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच और इलाज की व्यवस्था कराई गई है। रोजाना इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए डॉक्टरों को स्पेशल ट्रेनिंग भी दिलाई जा रही है।

संदिग्ध मरीजों की जांच कराई जा रही है, सात मार्च से अभी तक प्रदेश में प्रभावित देशों से आने वाले 600 यात्रियों की पहचान की गई थी, इनमें से 218 यात्री अपने घरों में आइसोलेशन में रखे गए हैं। जबकि 343 यात्रियों का सर्विलेंस पूरा हो चुका है। 21 संदिग्ध यात्रियों के सैंपल जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजे गए थे, इसमें से 19 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि दो मरीजों की रिपोर्ट आना बाकी है।

  इसमें इंदौर,भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर एयरपोर्ट पर आने वाले प्रभावित देशों के यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि भोपाल में दो मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। फिलहाल शहर के तीनों अस्पतालों में कोरोना का कोई भी संदिग्ध मरीज भर्ती नहीं है। इलाज और बचाव के पूरे इंतजाम हैं

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