स्वास्थ्य विभाग की 200 टीमें घर-घर जाकर करेंगी सर्वे इंदौर में

इंदौर
इंदौर में कोरोना वायरस से अब युद्ध स्तर पर लड़ाई की रणनीति तैयार कर ली गई है. शनिवार से स्वास्थ्य विभाग की आशा, एएनएम और दूसरे अमले घर-घर जाकर इस वायरस के बारे में लोगों का सर्वे करेंगे. साथ ही संदिग्ध मरीजों की तत्काल जांच की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की 200 टीमें इंदौर शहर में काम करेंगी. भोपाल से सेंट्रल रिस्पांस टीम भी इंदौर आई थी. इस टीम के सुझाव और निर्देशों का जिले में कड़ाई से पालन किया जा रहा है.

1500 लोगों को किया जा चुका है क्वारंटाइन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि इंदौर जिले में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए 1500 लोगों को अभी तक छात्रावास, स्कूलों और मैरिज गार्डेन में क्वारंटाइन किया गया है. कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जांच की जा रही है. पॉजिटिव पाए जाने पर उनका सघन इलाज किया जा रहा है. जिन मोहल्लों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं उसे कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है. जिन परिवारों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं, वहां पर बीमारी फैलने की संभावना ज्यादा है.

संकट की घड़ी में धैर्य रखे लोग

सीएमएचओ प्रवीण जड़िया ने कहा कि संकट की इस घड़ी में आम आदमी धैर्य और संयम से काम लें. इलाज से बचाव अच्छा होता है. आम आदमी घर में रहे और सुरक्षित रहे. लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करे. अफवाहों से सावधान रहें. बीमार मरीजों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें, जिससे उनका समय पर इलाज किया जा सके और उनकी जान बचायी जा सके. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच और इलाज के मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं. जिले में इस समय 90 से ज्यादा मरीज कोरोना वायरस से पीड़ित हैं. स्वास्थ्य विभाग की अनुभवी टीम अरविन्दो और एमआरटीएच अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रही है. अधिकांश मरीजों के ठीक होने की संभावना है.

डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ अभी भी ले रहे छुट्टी
इंदौर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमण की गंभीर स्थिति के दौरान भी डॉक्टर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से छुट्टी लेकर जा रहे हैं, जबकि कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न महामारी से बचाव के लिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका अहम है. कलेक्टर मनीष सिंह ने डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टॉफ की पहले से स्वीकृत सभी प्रकार की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी हैं और आगामी आदेश तक जिले के सभी डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ के अवकाश प्रतिबंधित कर दिए हैं. कोई भी डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ कलेक्टर से छुट्टी स्वीकृति कराए बिना अवकाश पर नहीं जा सकेगा.

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