स्वच्छता अभियान में नंबर दो की तैयारियां गड़बड़ाई, चार करोड़ खर्च

भोपाल
इस बार स्वच्छता अभियान में नंबर दो की तैयारियां गड़बड़ा गयी है। दीपावली के मौके पर प्रति माह चार करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त होगयी और पुराने शहर की गलियों से लेकर बाजार कचरे से भरे रहे।  हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम की लापरवाही के कारण शहर की दर्जनों कॉलोनियों व अंदरूनी हिस्सों में सफाई व्यवस्था दो दिन से ठप रही।  कई बाजार भी कचरे से पटे पड़े हैं। दीपावली के मद्देनजर इस बार निगम प्रशासन द्वारा विशेष प्लानिंग नहीं करने चलते यह स्थिति बनी है। साथ दीपावली पर बारिश के चलते कचरा नहीं उठ पाया।  राजधानी में रोजाना करीब 900 टन कचरा निकलता है। इनमें से वह 800 टन कचरा उठाने का दावा करता है, जो नहीं उठा है। वहीं त्योहार में शहर में कचरे की मात्रा बढ़ जाती है। मसलन दीपावली के सीजन में 250 टन अतिरिक्त कचरा होता है।

शहर में त्योहारों के सीजन में कचरा प्रबंधन के लिए विशेष तैयारी की जाती थी। बड़े पैमाने पर निकलने वाले कचरे से निपटने के लिए अधिकारियों द्वारा हर साल बैठकें कर जिम्मेदारी तय करना, रात्रिकालीन सफाई की व्यवस्था, मॉनीटरिंग व समाज के अन्य वर्गों को सफाई की प्रक्रिया से जोड़ा जाता था। यह सब इस बार नहीं किया गया। मॉनीटरिंग के अभाव में कर्मचारियों की भी मनमानी दिखाई दी।

न्यू मार्केट व 10 नबंर जैसे शहर के बड़े बाजारों की सड़कें और अन्य बाजार गंदगी से पटे पड़े हुए हैं। व्यापारिक क्षेत्रों में की जाने वाली रात्रिकालीन विशेष सफाई व्यवस्था इस बार नहीं की गई। इस मामले में शहर के अधिकांश पार्षदों ने भी लापरवाही बरती और वह सफाई का जायजा लेने के लिए सड़कों पर नहीं निकले।

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