स्मार्ट सिटी की सुस्‍त रफ्तार, क्‍या सरकार खोलेगी खजाना?

 
नई दिल्‍ली 

मोदी 2.0 का पहला आम बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है. इस बजट में सरकार के ड्रीम प्रोजेक्‍ट्स को तेज रफ्तार देने की कोशिश की जा सकती है. दरअसल, सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान के कई ऐसे प्रोजेक्‍ट हैं जिनकी रफ्तार सुस्‍त है. इन प्रोजेक्‍ट्स में ''स्‍मार्ट सिटी योजना'' भी शामिल है. यह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का अहम प्रोजेक्‍ट माना जाता रहा है लेकिन सवाल है कि अभी ''स्‍मार्ट सिटी'' की क्‍या स्थिति है. आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में..

क्‍या है स्‍मार्ट सिटी योजना

वैसे तो सरकार की ओर से स्‍मार्ट सिटी की स्‍पष्‍ट परिभाषा नहीं बताई गई है लेकिन इसमें 100 चुने गए शहरों में रहने वाले लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए फंड देने का वादा किया गया. सरकार ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए हर जरुरी कदम उठाए जाएंगे. मसलन, इन शहरों में न सिर्फ बिजली और ऊर्जा की कमी पूरी करने वाली इमारतें होंगी बल्कि सीवेज के पानी कूड़े और ट्रैफिक जैसी तमाम बुनियादी समस्याओं से निपटने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल भी होगा.

स्मार्ट सिटी मिशन की खास बातें

स्‍मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत के साथ ही 100 शहरों में 5,151 प्रोजेक्ट चिन्हित किए गए. इन प्रोजेक्‍ट्स के विकास पर 2 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जानी है. इन सारे प्रोजेक्ट में अलग-अलग चरणों पर काम चल रहा है. दिसंबर 2018 तक के आंकड़ों की बात करें तो 10 हजार 116 करोड़ रुपये के 534 प्रोजेक्ट पर काम हो चुका है.

वहीं 43 हजार 493 करोड़ रुपये की 1,177 योजनाओं का काम शुरू हो चुका है. इसके अलावा करीब 38 हजार 207 करोड़ रुपये के 677 प्रोजेक्ट पर टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. हालांकि आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि स्मार्ट सिटी मिशन के लिए जितना बजट आवंटित हुआ था, असल में खर्च उससे बहुत कम हुआ है.

किन प्रोजेक्‍ट्स का क्‍या हाल

स्‍मार्ट सिटी योजना के तहत अलग-अलग प्रोजेक्‍ट की रफ्तार सुस्‍त नजर आ रही है. आंकड़ों की मानें तो इस योजना के प्रोजेक्‍ट- स्मार्ट कमांड और कंट्रोल सेंटर योजना के लिए 11 शहरों में 1,558 करोड़ के काम पूरे किए जा चुके हैं. हालांकि 29 शहरों में 3,049 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम हो रहे हैं. इसी तरह स्मार्ट सड़क के तहत 4 शहरों में 228 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरा कराए जा चुके हैं. जबकि 34 शहरों में 3,819 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं.

अगर स्मार्ट वाटर प्रोजेक्ट की बात करें तो 18 शहरों में 902 करोड़ रुपये के काम पूरे किए जा चुके हैं जबकि 35 शहरों में 5,961 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति में हैं. इसके अलावा दर्शनीय और प्रभावपूर्ण प्रोजेक्ट के तहत 16 शहरों में 179 करोड़ रुपये के कार्य पूरे किए जा चुके हैं तो सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के तहत 8 शहरों 58 करोड़ रुपये का काम हो चुका है.  

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