स्पाइन संबंधी दिक्कतों से छुटकारा दिलाएगा गोमुखासन

इन दिनों इनऐक्टिव लाइफस्टाइल की वजह से बड़ी संख्या में लोग स्पाइन से जुड़ी बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं। अगर आप भी उन लोगों में से हैं तो योग आपके लिए मददगार
योग में हर आसन किसी न किसी उद्देश्य के लिए किया जाता है। स्पाइन की दिक्कतों से निजात पाने के लिए गोमुखासन किया जाता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि यह आसन गाय के मुख के समान होता है। जिस तरह गाय के मुख का एक जबड़ा आगे और एक थोड़ा पीछे होता है, उसी तरह इस आसन में दोनों घुटनों को गाय के मुख के समान रखा जाता है। यह आसन बैठकर ही किया जाता है और इससे स्पाइन एक दम सीधी हो जाती है, जिससे उसमें दर्द व अन्य समस्याएं दूर होती हैं। इसके अलावा यूरीनल सिस्टम भी इस आसन से दुरुस्त होता है।

ऐसे करें आसन
– सबसे पहले दोनो पैरों को मोड़कर जमीन पर बैठ जाएं। दोनों हाथों को सहारे के लिए बगल में जमीन पर टिका लें।
– दाहिनी जांग पर बाई जांघ को घुटना मोड़ कर रख लें। नीचे वाली जांघ थोड़ी आगे रहेगी जबकि ऊपर वाली थोड़ा पीछे। हाथों को पीछे की ओर ले जाएं।
– अब पीठ के पीछे एक हाथ की उंगलियों से दूसरे हाथ की उंगलियों को पकड़ लें। इसमें दाहिने हाथ की कोहनी ऊपर रहेगी जबकि बायीं कोहनी नीचे रहेगी। पैरों के पंजे एक दूसरे के ऊपर रहेंगे।

आयंगर पद्धति
प्रकार एक
इसमें एक तकिया लें और उसके ऊपर बैठ जाएं फिर दायीं जांघ के ऊपर बायीं जांघ को रख क्रॉस लेग की पोजिशन में बैठें। दोनो हाथों को पीठ के पीछे लॉक कर लें।

प्रकार दो
जिन लोगों को पैर मोड़ने में दिक्कत हो वो दोनों जांघों को एक दूसरे के ऊपर रखने के बाद घुटनों और पैरों के पंजे के पास बीच में एक छोटा तकिया रख लें। इससे देर तक इस अवस्था में बैठा जा सकेगा।

प्रकार तीन
यह उनके लिए, जिन्हें हाथ मोड़ने में तकलीफ होती है। इसमें एक तकिये को कूल्हे के नीचे रख लें। वहीं एक बेल्ट लें और एक सिरा पीठ के पीछे एक हाथ से पकड़े जबकि दूसरा सिरा सिर के ऊपर दूसरे हाथ से पकड़ें।

ये होंगे फायदे
– यह आसन कमर के नीचे के अंगों को काफी मजबूत करता है।
– दोनों जांघों में स्थिरता लाता है और स्पाइन को बिल्कुल सीधा करता है।
– जो लोग तिरछा बैठते हैं, उनके लिए यह आसन बहुत उपयोगी है।
– इससे छाती के रोग भी दूर होते हैं
– यूरीन इंफेक्शन आदि में भी इस आसन से फायदा होता है।

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